सिटीपोस्टलाईव:बिहार सरकार राज्य के सभी टोलों में बिजली पहुंचाने के बाद अब सभी घरों कोबिजली कनेक्शन देने की योजना को अमलीजामा पहुंचाने की योजना को लेकर युद्ध स्तर पर काम कर रही है. जर्जर तारों को बदलने से लेकर पावर सब स्टेशन को दुरुस्त करने की कार्ययोजना पर काम शुरू हो गया है.नए सब स्टेशन बन रहे हैं और डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को दुरुस्त किया जा रहा है.अभी 4600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति राज्य में हो रही है, जबकि राज्य की ट्रांसमिशन क्षमता 9000 मेगावाट की है.
सरकार के अनुसार राज्य के 39073 गांवों और 106249 टोलों में बिजली कनेक्शन दे दिया गया है और अब हर घर बिजली योजना व केंद्र की सौभाग्य योजना के तहत दिसंबर, 2018 तक सभी घरों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है.इस लक्ष्य को पाने के लिए 8 लाख घरों में मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जा चुका है, जबकि 6 लाख घरों को इसका लाभ इस साल जून तक मिल जाएगा.ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षों पुरानी संरचनाएं पर्याप्त मात्रा में जर्जर हालत में हैं जिसके के कारण 40 ट्रांसमीशन लोस है.
तीनों बिजलीघर चलाने में बिहार सरकार को संचालन प्रबंधन के साथ-साथ तकनीकी समस्याओं से भी रूबरू होना पड़ रहा है. इन बिजलीघरों से उत्पादित बिजली महंगी भी हो रही है.इसलिए इन बिजलीघरों का स्वामित्व एनटीपीसी सौंपने का फैसला ले लिया गया है.आज मंगलवार को राज्य के तीन बिजलीघर मंगलवार से एनटीपीसी को सौंप दिए जायेगें.एनटीपीसी और बिहार सरकार के बीच मुख्यमंत्री आवास में मंगलवार को एमओयू होगा. कांटी, बरौनी और नवीनगर बिजलीघर का स्वामित्व एनटीपीसी को सौंपी जा रही है. राज्य सरकार ने पिछले दिनों तीनों बिजलीघर एनटीपीसी को सौंपने का निर्णय लिया था.एनटीपीसी प्रबंधन से सहमति मिलने के बाद राज्य सरकार ने तीनों बिजलीघर को औपचारिक रूप से उसे सौंपने की कार्रवाई शुरू की है. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और बिहार के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव के समक्ष इस संबंध में एमओयू होगा और फिर तीनों बिजलीघर विधिवत रूप से एनटीपीसी के हो जाएंगे.सभीघरोंकोबिजलीकनेक्शनदेनेकीसरकारकीहलहोतीहै,समय बतायेगा.
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