सिटी पोस्ट लाइव : लॉंड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामले में फंसे बिहार के एक आइएएस अफसर संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव की पत्नियाँ भी संकट में हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दोनों को समन जारी करके बुलाया है. इन दोनों महिलाओं से अब ईडी के अधिकारी पूछताछ करेंगे. आने वाले दिनों में दोनों महिलाओं की गिरफ्तारी भी हो सकती है. दोनों के पति अभी जेल में ही बंद हैं और भ्रष्टाचार के मामले में ईडी अब इन दोनों के परिवार के सदस्यों से पूछताछ की तैयारी में है.
बिहार में ऊर्जा विभाग के पूर्व प्रधान सचिव सीनियर IAS अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव पर मनी लॉंड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले का गंभीर आरोप है. दोनों ईडी की रडार पर चढ़े और तमाम जांच व छापेमारी के बाद दोनों की गिरफ्तारी हुई है. अब संजीव हंस और गुलाब यादव की पत्नियों को समन भेजा गया है. ईडी ऑफिस में दोनों को हाजिर होना है. ईडी इन दोनों से भ्रष्टाचार मामले में पूछताछ करेगी.
IAS संजीव हंस की पत्नी मोना हंस और गुलाब यादव की पत्नी अंबिका यादव को आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोपी बनाया गया है. दोनों से ईडी यह जानने की कोशिश कर सकती है कि उनके पतियों ने किस तरह अकूत संपत्ति बनायी. मनी लॉंड्रिंग और भ्रष्टाचार आरोप में फंसे उनके पतियों से जुड़े कई सवालों का जवाब ईडी बाहर लाना चाहेगी.गौरतलब है कि ईडी की जांच में कई खुलासे हुए थे. गुलाब यादव और संजीव हंस का परिवार मिलकर अकूत संपत्ति बना रहा था.
संजीव हंस की पत्नी मोना हंस उर्फ हरलोविलीन कौर और गुलाब यादव ने मिलकर मेसर्स प्रोग्रोथ इंटरप्राइजेज नाम की एक कंपनी बनायी थी. जिसके अंतर्गत सीएनजी पंप चलता था. इस कंपनी के खाते में तीन बार में 15 लाख रुपए का ट्रांजेक्सन पकड़ाया था. 2017 में खोला गया यह पंप जिस जमीन पर है वह जमीन गुलाब यादव की पत्नी अंबिका यादव के नाम पर है. पुणे में इनके दोस्त दविंद्र सिंह ने भी लाखों रुपए मोना हंस के खाते में भेजे थे. गुलाब यादव की पत्नी अंबिका यादव ने वर्ष 2015 से 2022 के बीच में अपने बैंक खाते में 3.8 करोड़ रुपए जमा किए थे. एसवीयू की चार्जशीट में इसका खुलासा हुआ है.