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नगर आयुक्त के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का दौर जारी.

11 बजे स्थानीय थाना चौक पर एस एम झा के नेतृत्व में एक धरना प्रदर्शन किया गया.

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सिटी पोस्ट लाइव :  पैदल मार्च का आयोजन किया गया.विदित हो कि एस एम झा ने विगत दिनों नगर आयुक्त के प्रताड़नापूर्ण कार्यशैली का खुल्लमखुल्ला विरोध करते हुए कार्यवाई को रोकने हेतु उनके (नगर आयुक्त, आरिफ अहसन) खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था जिसे आरिफ अहसन ने अपना निजी अपमान समझ लिया और श्री झा को प्रताडित करना शुरू कर दिया.विदित हो कि श्री एस एम झा के ब्लॉक A में बने ग्राउंड फ्लोर एवं ब्लॉक B में बने कच्चा निर्माण को भ्रामक रिपोर्ट को आधार बनाकर आयुक्त आरिफ अहसन ने तीन मंजिला इमारत साबित कर 10 लाख का जुर्माना करते हुए भवन को सील करवा दिया है.नगर आयुक्त आरिफ अहसन ने शहर में Pick & Choose का सहारा लेकर चुनिंदा लोगों को टार्गेट पर रख प्रताडित करना शुरू कर दिया और शेष मालदार लोगों से अंदर ही अंदर ताबड़तोड़ उगाही का खेल रच दिया है.

हजारों घरों एवं दुकानों में नोटिस चस्पा किया जाता है लेकिन सिर्फ और सिर्फ 61 लोगों पर निगरानी वाद चलाया जाता है अन्य लोगों को कतिपय कारणों (यथा: मोटी घुस का रकम, पक्षपात, राजनैतिक दबाव आदि) का सहारा लेकर कार्यवाई से मुक्त रखा जाता है.नगर आयुक्त, आरिफ अहसन के पक्षपातपूर्ण, भेदभावपूर्ण, प्रताड़नापूर्ण कारवाई का कच्चा चिट्ठा खोलते हुए श्री एस एम झा ने कहा कि . मेरे एक मंजिला और कच्चा निर्माण को G+2 अर्थात्‌ तीन मंजिला मकान कैसे बताया गया और जुर्माना लगाया गया? भ्रामक रिपोर्ट पर लिखित निवेदन के वाबजूद पुन:निरीक्षण के बिना ही आदेश पारित क्यों किया गया? सौरा नदी के किनारे 10 मीटर से कम दूरी पर स्थित G+7 भवन पर कार्यवाई क्यों नहीं की जा रही है? क्या उक्त भवन में नगर आयुक्त का पार्टनरशिप है या उन्होंने मोटा घुस लिया है? 2010 से विवादित जमीन पर अतिक्रमण कर बिना नक्शा के वने मिल्लिया इंटरनेशनल स्कूल पर कार्यवाई क्यों नहीं की जा रही है? क्या उनके संरक्षक की भूमिका निभाने हेतु घुस या पक्षपात कारण है?

रामबाग में नाला पर वने मिल्लिया कॉन्वेंट पर कार्यवाई क्यों नहीं की गई है क्या आयुक्त महोदय का कोई खास दिलचस्पी है मिल्लिया ग्रुप के साथ? कैथोलिक चर्च में वन रहे सेंट पीटर स्कूल पर कार्यवाई क्यों नहीं की जा रही है क्या नगर आयुक्त को चुप रहने हेतु मोटा घुस मिला है? सौरा नदी के किनारे मिल्लिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के दर्जनों भवन बिना नक्शा के बनाए गए हैं, उन भवनों पर नगर आयुक्त की खामोशी गंभीर भ्रष्टाचार और घूसखोरी के ओर स्पष्ट इशारा है।
प्रमंडलीय कमिश्नर महोदय के आदेश की अवहेलना क्यों किया गया, प्रमंडलीय कमिश्नर महोदय ने अपने आदेश में भट्ठा के सभी मॉल और होटलों को सील करने का आदेश पारित किया था लेकिन आयुक्त महोदय ने सिर्फ रमेश अग्रवाल जी पर कार्यवाई कर अन्य को किस आधार पर (घुस या पक्षपात या पार्टनरशिप) कारवाई से मुक्त रखा है?

श्री एस एम झा ने पूर्णिया के तमाम जनप्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों, आम जनता एवं जिला प्रशासन से मांग की है कि नगर आयुक्त के प्रताड़नापूर्ण कार्यशैली एवं पक्षपात पर अविलम्ब रोक लगाया जाय. विद्वेषपूर्ण और झूठा आदेश अविलम्ब निरस्त किया जाय .उन्होंने कहा कि पीक एन चूज़ पर अविलम्ब विराम लगे . निष्पक्ष एवं पक्षपातमुक्त कार्यवाई हो . गरीबों, भूमिहीनों को अविलम्ब आवास मुहैया करवाया जाय . फुटकर विक्रेताओं को अविलम्ब दुकान दिलवाया जाय . मेडिकल कचरा निष्पादन का अविलम्ब व्यवस्था हो . मंजिला अवैध निर्माण पर अविलम्ब कार्यवाई किया जाय . मिल्लिया ग्रुप पर अविलम्ब जांच हो.

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