सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में पुल और पुलियों के जमींदोंज होने की खबर लगातार आ रही है. एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार सरकार अधिकारियों के हाथ-पैर जोड़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ पुल जमींदोंज हो रहे हैं. पुलों के गिरने से अधिकारियों की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इसी कड़ी में बिहार के पूर्णिया जिले के अमौर प्रखंड में रंगरैया लाल टोली गांव में मुख्यमंत्री सड़क पर दास नदी पर बना पुल का एप्रोच पथ ध्वस्त हो गया है, जिस कारण करीब 10000 लोगों की आबादी का आवागमन ठप हो गया है.
स्थानीय लोगों ने कहा कि 2 साल पहले ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा 70 मीटर लंबी यह पुल बना था. पहले भी इसका एप्रोच पथ कटा था. अब तक तीन बार अप्रोच पथ कट चुका है. लेकिन सेंड बैग और अन्य चीजों को देकर खानापूर्ति कर अप्रोच पथ बनाया जाता है, फिर यह कट जाता है.कल गुरुवार को इसका अप्रोच पथ फिर से कट गया जिस कारण कई गांव के लोगों का आवागमन ठप हो गया है. लोग नाव के सहारे आवागमन करने पर विवश हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि सनी कंस्ट्रक्शन के द्वारा पूल का निर्माण हुआ था. लेकिन अप्रोच पथ सही तरीके से नहीं बनाया गया.
बिहार में पुलों के गिरने को लेकर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है. इस बीच बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर निशाना साधा है. उन्होंने एक महीने के भीतर गिरे पुलों की तस्वीरें भी शेयर की हैं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘बिहार में पुल नहीं वर्षों के सुशासनी भ्रष्टाचार के मीनार गिर रहे है। प्रतिदिन पुल गिरने के मामले में सरकार ने & के मामले में विश्वरिकॉर्ड बनाया है. विगत हफ़्तों में अभी तक सिर्फ़ ही पुल गिरे हैं. पुलियों के गिरने और धँसने की तो कोई गिनती ही नहीं.’