27 कैदियों की रिहाई में ‘MY’ समीकरण का पूरा ध्यान.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार ने लोक सभा चुनाव के पहले सजायफ्ता कैदियों के रिहाई के नियमों में बदलाव कर बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन समेत 27 कैदियों की रिहाई के आदेश दिए हैं. गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णय्य हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त एवं पूर्व सांसद आनंद मोहन समेत कुल 27 कैदियों को जेल से मुक्त करने का आदेश पत्र जारी कर दिया है. सरकार के आदेश के मुताबिक, आनंद मोहन समेत इन सत्ताइस कैदियों के जेल में रहते 14 साल हो चुके हैं और जेल में उनका व्यवहार अच्छा रहा, इसलिए इन्हें रिहा करने का आदेश जारी किया गया है.

लेकिन खास बात ये है सरकार ने जिन कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया है इसको चुनावी दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है. सरकार पर आरोप है कि इसमें भी माय (MY) यानी मुस्लिम-यादव समीकरण का ध्यान रखा गया है.27 में 13 MY समीकरण वाले कैदी परिहार पर छोड़े गये हैं. 14 साल की सजा काट लेने के बाद परिहार पर छोड़े जानेवाले कैदियों की इस सूची में 27 नाम हैं जिनमें 13 नाम MY समीकरण वाले हैं. बेऊर सेंट्रल जेल में बंद शिवजी यादव, लखीसराय जेल में बंद अशोक यादव, भागलपुर के विशेष केंद्रीय कारा में बंद किरथ यादव, बक्सर के ओपेन जेल में बंद राज बल्लभ यादव उर्फ बिजली यादव, पतिराम राय और किशुनदेव राय, वहीं बिहारशरीफ जेल में बंद खेलावन यादव के साथ-साथ भागलपुर के स्पेशल जेल में बंद मो. खुदबुद्दीन, अलाउद्दीन अंसारी, हलीम अंसारी, चन्देश्वरी यादव और अख्तर अंसारी अररिया जेल में बंद दस्तगीर खान का नाम शामिल है.

इसके अतिरिक्त चार राजपूत जाति के हैं और शेष विभिन्न जातियों से संबंधित हैं. गौरतलब है कि इससे पहले राज्य सरकार ने आनंद मोहन की रिहाई के लिए अपने नियम कानून में फेरबदल किया था. दरअसल, हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काटने वालों को जेल में अच्छे आचरण के लिए रिहाई का प्रावधान है. राज्य सरकार का परिहार बोर्ड इस संबंध में फैसला लेता है.बिहार में पहले से ये नियम था कि सरकारीकर्मियों की हत्या के आरोपियों को समय पूर्व रिहाई का लाभ नहीं मिलेगा. लेकिन, कुछ दिनों पहले ही बिहार सरकार ने नियम बदल कर सरकारीकर्मी की हत्या के आरोपियों को भी समय पूर्व रिहाई का नियम बना दिया था. सरकार ने अपने नियमों में संशोधन सिर्फ एक बार के लिए ही किया है.

Share This Article