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बिहार में शराब पीनेवाले 8.35 लाख लोग ‘गुनहगार’ क्यों?

शराबबंदी को लेकर सुशील मोदी ने CM से पूछे10 सवाल, जेल में बंद लोगों को माफ़ी देने की मांग.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में लगातार हो रही जहरीली शराब कांड को लेकर बिहार की राजनीति गरमाई हुई है.पूर्व डिप्टी CM और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शराबबंदी कानून के तहत अब तक गिरफ्तार लोगों पर से मुकदमे वापस लेना चाहिए.उन्होंने कहा कि ये लाखों लोग हत्या, अपहरण, बलात्कार, बैंक लूट या ट्रेन डकैती जैसे किसी गंभीर अपराध में गिरफ्तार नहीं किए गए हैं. इन्हें माफ कर सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए. केवल शराब पीने के कारण इतनी बड़ी संख्या में लोग बिहार में ‘गुनहगार’ हैं.

शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार से मोदी ने 10 सवाल किए हैं.मोदी ने कहा कि शराबबं पीने की वजह से बिहार के जेलों में बंद लोग अगर दूसरे राज्यों में होते तो अपराधी के श्रेणी में नहीं होते. शराबबंदी कानून के तहत गरीबों को जेल में डाला जा रहा है, जो 2000 हजार रुपए जुर्माना नहीं दे सकते. अमीर लोग आसानी से छूट जाते हैं.जब 6 साल के दौरान शराबबंदी कानून में तीन बार संशोधन किया जा सकता है, तो एक बार आम माफी क्यों नहीं दी जा सकती?उन्होंने कहा कि शराबबंदी से जुड़े 4.58 लाख मुकदमों का अभी तक निष्पादन क्यों नहीं हुआ?शराब पीने के कारण जो 6.06 लाख लोग गिरफ्तार हुए, उन्हें सजा क्यों नहीं हो सकी?

शराब पीते पकड़े गए लोगों को गंभीर अपराधियों से अलग रखने के लिए डिटेंशन सेंटर क्यों नहीं बनाए गए?शराब से जुड़े मामलों के त्वरित निष्पादन के लिए विशेष अदालतों के भवन अब तक क्यों नहीं बने?जहरीली शराब पीने से मौत की 30 से ज्यादा घटनाएं हुईं, लेकिन एक भी शराब माफिया को सजा क्यों नहीं हुई?शराबबंदी कानून के तहत अभी तक गिरफ्तार 8.35 लाख लोगों में दलित, आदिवासी और पिछड़ा समुदाय के लोगों की संख्या कितनी है?पासी समाज के लाखों लोगों के पुनर्वास की योजना क्यों विफल हुई?नीरा उद्योग के प्रोत्साहन का वादा पूरा क्यों नहीं हुआ?शराबबंदी के बाद राज्य में भांग, अफीम, गांजा जैसे मादक पदार्थों का सेवन क्यों बढ़ा?

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