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हाजीपुर की सीट नहीं मिली तो BJP को छोड़ देगें चिराग?

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सिटी पोस्ट लाइव :एलजेपी (पासवान ) के सुप्रीमो चिराग पासवान ने साफ़ कर दिया है कि वो हाजीपुर लोक सभा सीट से ही चुनाव लड़ेगें.चिराग ने कहा कि हाजीपुर की सीट ही तय करेगा कि गठजोड़ किसके साथ होगा.जाहिर है गर बीजेपी ने हाजीपुर सीट  चाचा पशुपति पारस   को दिया तो चिराग महागठबंधन का रुख कर सकते हैं.उन्होंने साफ़ कर दिया है कि हाजीपुर सीट वो किसी कीमत पर नहीं छोड़ेगें.बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए चिराग पासवान लालू परिवार से अपने अपने पुराने रिश्ते बता रहे हैं.उनका कहना है कि लालू परिवार से हमेशा उनका मधुर रिश्याता रहा है.लालू यादव ने संकट में उनके पिता की मदद की है जबकि नीतीश कुमार ने उन्हें हमेशा कमजोर करने की कोशिश की है.

चिराग ने कहा कि हाजीपुर सीट उनके पिता की पारंपरिक सीट है.हाजीपुर की जनता ने उनके पिता को कईबार रिकॉर्ड मतों से चुनाव जिताने का काम किया है.हाजीपुर की पहचान उनके पिता से है और उनके पिता की पहचान हाजीपुर से जुदा हुआ है.उन्होंने कहा कि पिता के अधूरे काम को पूरा करना उनकी जिम्मेवारी है.अगर उसे पूरा नहीं किया तो किस मुंह से वो पिता के तस्वीर के सामने जायेगें.कैसे उनको श्रधांजलि दे पायेगें.चिराग ने कहा कि लोग पिता के रूप को बेटे में ही देखते हैं.क्षेत्र की जनता चाहती है कि वो हाजीपुर से चुनाव लड़ें.

सूत्रों के अनुसार बीजेपी चिराग को ज्यादा अहमियत दे रही है क्योंकि पशुपति पारस के साथ जानेवाले सांसद भी मानते हैं कि पासवान वोटर चिराग के साथ है.पशुपति परस और उनके भतीजे सांसद प्रिंस राज को छोड़कर एलजेपी के तमाम तीन सांसद चिराग के आगे पीछे लगे  हुए हैं.महबूब अली कैसर ,वीणा देबी और सूरजभान सिंह भी चिराग  को फिर से भरोसे में लेने में लगे हुए हैं.सूरजभान सिंह को छोड़कर किसी से चिराग पासवान को कोई रिजर्वेशन नहीं है.वो सबको साथ लेने को तैयार हैं .सूरजभान सिंह को वो तभी मौका देगें जब वो अपने भाई चंदन सिंह की जगह अपनी पत्नी वीणा देबी को चुनाव मैदान में उतारेगें.

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