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 विपक्षी एकता की बैठक से पहले सिर फुटौव्वल!

ममता ने गठजोड़ से किया मना तो कांग्रेस ने भी दिखाई आंख, अखिलेश और केजरीवाल अनुकूल नहीं.

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सिटी पोस्ट लाइव : शुक्रवार को पटना में विपक्षी एकता की बैठक हो रही है.लेकिन इस बैठक के पहले ही विपक्षी एकता में बड़ी दरार दिखाई देने लगी है. ममता बनर्जी ने बैठक से एक दिन पहले अपने ताजा बयान से दलों की एकता पर प्रश्नचिन्ह लगा दी हैं. गौरतलब है कि  पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सुझाव पर ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डेप्युटी तेजस्वी यादव पटना में विपक्षी एकता की बैठक आयोजित कर रहे हैं.लेकिन  ममता बनर्जी ने ही बैठक से पहले  ही पश्चिम बंगाल में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के साथ गठबंधन करने से मना कर दिया है.

ममता बनर्जी के बयान के जवाब में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि राज्य में कांग्रेस के लिए तृणमूल कांग्रेस बीजेपी की तरह बराबर की प्रतिद्वंद्वी बनी रहेगी. उन्होंने यह भी संदेह व्यक्त किया था कि बीजेपी विपक्षी गठबंधन के भीतर कुछ ट्रोजन हॉर्स भेजने की कोशिश कर रही है. चौधरी के संदेह को पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती और राज्य सदस्य बिकास रंजन भट्टाचार्य जैसे वरिष्ठ माकपा नेताओं ने भी दोहराया.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात करने पहुँच गई.  लालू और ममता की मीटिंग खास माना जा रही है. माना जा रहा है कि ममता और कांग्रेस के बीच समझौता कराने में लालू यादव अहम रोल निभा सकते हैं.

बिहार के सीएम नीतीश कुमार की ओर से विपक्षी एकता की मजबूत दीवार खड़ी करने के लिए कल पटना में बुलाई गई बैठक से पहले कई नेताओं के बयान सवाल खड़े कर रहे हैं.। ममता बनर्जी, केजरीवाल, अखिलेश जैसे नेता कांग्रेस के लिए शर्तें तय कर रहे हैं. अखिलेश यादव भी चाहते हैं कि कांग्रेस जैसे दल उत्तर प्रदेश से दूर रहें.। हालांकि, एसपी सहयोगी आरएलडी के जयंत चौधरी ने कहा है कि कांग्रेस के साथ के बिना विपक्षी एकता संभव नहीं है.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में सेवाओं पर अधिकार के मामले में केंद्र सरकार के अध्यादेश पर सभी दलों से रुख साफ करने को कहा है. केजरीवाल इस मसले पर कई विपक्षी नेताओं से उनके यहां जाकर मिले भी हैं, लेकिन राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने करीब डेढ़ महीने बाद भी केजरीवाल को मिलने का समय नहीं दिया. केजरीवाल ने मामले पर विपक्षी दलों को पत्र लिखकर भी पटना में रुख साफ करने की मांग की है.उनके प्रस्ताव पर विचार नहीं होने पर आम आदमी पार्टी बैठक का बहिष्कार कर सकती है.

विपक्षी नेताओं के इन बयानों के बीच जेडीयू ने अपील की है कि तमाम विपक्षी दल सारे शिकवे शिकायत को भूलकर एक हो जाएं, तभी 2024 में बीजेपी के लिए चुनौती पेश की जा सकती है. जेडीयू के नेता केसी त्यागी का बयान आया है कि विपक्षी एकता की बैठक 2024 में बीजेपी को रोकने के लिए है. लेकिन बीजेपी में कहा जा रहा है कि विपक्ष की बिन बनी दीवार में ही इतने सुराख दिख रहे हैं, तो मोदी को कौन रोक सकता है? इस सबके बीच कल पटना के सम्मेलन में नेताओं के बयान और उसके बाद यदि जारी हुआ, तो साझा बयान पर सियासी नजरें लगी हैं.

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