झारखंड सरकार राज्य में इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आइक्यूएसी) का गठन करेगी। यह सेल सभी कालेजों के अलावा राज्य स्तर पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग में भी गठित होगा
रांची : झारखंड सरकार राज्य में इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आइक्यूएसी) का गठन करेगी। यह सेल सभी कालेजों के अलावा राज्य स्तर पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग में भी गठित होगा, जो कालेजों को नैक से एक्रीडिएशन प्राप्त करने में तकनीकी और वित्तीय सहयोग प्रदान करेगा। विभागीय मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसपर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
उल्लेखनीय है कि नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिएशन काउंसिल (नैक) से एक्रीडिएशन नहीं ले पाने के कारण राज्य के कालेज राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत केंद्र से मिलनेवाले अनुदान से वंचित हो जाते हैं। केंद्र से अनुदान प्राप्त करने के लिए कालेजों को नैक से एक्रीडिएशन लेना अनिवार्य होता है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य में इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आइक्यूएसी) का गठन किया जाएगा।
बताया जाता है कि उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता एवं उनमें उपलब्ध वर्तमान संसाधनों के आकलन के लिए सभी विश्वविद्यालयों व कालेजों को नैक से एक्रीडिएशन प्राप्त करना जरूरी होता है। राज्य में स्थिति यह है कि अधिसंख्य कालेजों ने नैक से एक्रीडिएशन प्राप्त नहीं किया है। इस कारण पूर्व में कई कालेज केंद्रीय अनुदान से वंचित होते रहे हैं। कुछ कालेजों को अनुदान की सशर्त अनुमति मिलने के बाद पर समय पर एक्रीडिएशन प्राप्त नहीं करने से उन्हें राशि नहीं मिल सकी।
कालेजों का रूसा के तहत मिलते हैं दो करोड़ रुपये
रूसा के तहत कालेजों को अपने संसाधनों के विकास के लिए दो करोड़ रुपये प्राप्त होते हैं। राज्य स्तर पर गठित होनेवाला सेल उच्च शिक्षण संस्थानों को नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) में उच्च रैंकिंग प्रदान करने में भी मदद करेगा। साथ ही विद्यार्थियों के नए आइडिया को मूर्त रूप देने के लिए इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इस सेल के माध्यम से ही विश्वविद्यालयों को शोध में क्षमता संवर्द्धन के लिए प्राेत्साहन राशि दी जाएगी। सेल का गठन 20 करोड़ रुपये के फंड से किया जाएगा।
झारखंड के एक भी कालेज-विश्वविद्यालय टॉप 100 में नहीं
नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) की रैंकिंग में राज्य के एक भी कालेज और विश्वविद्यालय इसमें नहीं है। स्थिति यह है कि एनआइआरएफ की पिछली कई रिपोर्ट में झारखंड का एक भी सरकारी कालेज या विश्वविद्यालय टाप 100 कालेजों या विश्वविद्यालयों में शामिल नहीं होता। राज्य के भी सरकारी कालेज और विश्वविद्यालय इस फ्रेमवर्क में उच्च रैंकिंग प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए भी सरकार न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करेगी बल्कि सेल के माध्यम से तकनीकी सहयोग प्रदान करेगी। सेल के माध्यम से रैंकिंग में सुधार को लेकर किए जानेवाले प्रयासों की निगरानी भी की जाएगी।
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