सिटी पोस्ट लाइव : बिहार का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल पीएमसीएच ही गरीबों का एकमात्र सहारा है.पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जिस कैथ लैब का उद्घाटन किया था, वह लैब चालू हो गई है. सोमवार को पहलीबार तीन महिला मरीजों बिक्रम की शोभा शर्मा, बक्सर की सीता देवी और छपरा की नूर सबा की एंजियोग्राफी की गई. तीनों में 70 से 99 फीसदी ब्लाकेज मिला.तीनों कोरोनरी आर्टरी डिजीजसे पीड़ित हैं.
कार्डियोलॉजी विभाग के हेड डॉ. बीपी सिन्हा, अधीक्षक डॉ. आईएस ठाकुर, हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार की मौजूदगी में एंजियोग्राफी की गई. हार्ट मरीजों को इस कैथ लैब में एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेसमेकर, वॉल्व रिपेयर आदि की सुविधा नियमित मिलेगी.पीएमसीएच में कार्डियोलॉजी विभाग तो कार्यरत था, पर कैथ लैब नहीं होने से हार्ट के मरीज का सर्जिकल इंटरवेंशन नहीं हो पा रहा था.अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आईएस ठाकुर ने बताया कि कैथ लैब के लिए फंड की व्यवस्था कंपनी सीएसआर के तहत एचडीएफसी बैंक ने की है.
कैथ लैब की व्यवस्था होने से गरीब मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी. प्राइवेट अस्पताल में एंजियोग्राफी का खर्च 10 हजार से 12 हजार रुपए जबकि आईजीआईएमएस में 5 हजार रुपए आता है. पीएमसीएच मरीज को सिर्फ दवा लानी पड़ रही है. पहले मरीज आते थे तो ओपीडी में इलाज चलता था, पर एंजियोग्राफी या एंजियोप्लास्टी करने की नौबत आने पर रेफर करना पड़ता था.
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