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बिहार में भीषण बाढ़ का खतरा, 20 जिलों में तबाही का अलर्ट.

बराजों से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी, 1968 के बाद सबसे ज्यादा पानी एक दिन में छोड़ा गया है.

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सिटी पोस्ट लाइव : नेपाल में हो रही भारी वर्षा के कारण बिहार में नदियों के जलस्तर में खतरनाक बढ़ोतरी हुई है राज्य के 20 जिले में अलर्ट जारी किया गया है. पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, शिवहर, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, भागलपुर में स्थिति बिस्फोटक बनी हुई है.

नेपाल के नारायणघाट से भी छह लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, इससे पहाड़ी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.पश्चिमी चंपारण के गौनाहा प्रखंड के 200 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है.शनिवार की रात 10 बजे तक कोसी बराज से छह लाख एक हजार 600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. 1968 के बाद सबसे ज्यादा पानी एक दिन में छोड़ा गया है.1968 में पांच अक्टूबर को 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.

कोसी क्षेत्र के  मधुबनी प्रखंड में पानी तेजी से बढ़ रहा है.कई जगहों पर घरों में पानी प्रवेश करना शुरू हो गया है. शाम तक जहां हल्का पानी था, वहां कमर से ज्यादा पानी हो गया है.अत्यधिक जलस्राव को देखते हुए नेपाल प्रशासन ने कोसी बराज होकर आवाजाही पर रोक लगा दी है.मुख्य अभियंता ई, वरुण कुमार ने बताया कि फिलहाल कोसी बांध और बराज पर कोई खतरा नहीं है। तटबंध पर पूरी निगरानी बरती जा रही है.

पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज में पंडई, मनियारी, हरबोड़ा, बिरहा, गांगुली, कटहा सहित दर्जन भर नदियां उफान पर हैं.मधुबनी से सटे कोसी बराज से शाम तक 5.79 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.लौकही में तिलयुगा नदी के डगमारा में डायवर्जन के ऊपरी पुल पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है.शिवहर में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. सीतामढ़ी में भी बागमती, लालबकेया, झीम व रातो नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है.

सुपौल के छातापुर में सुरसर, गैड़ा व मिरचैया आदि नदियों में भी बाढ़ आ गई है, जिससे सैकड़ों एकड़ में लगी फसल जलमग्न हो गई है.सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड में बांध टूटने से कई घरों में पानी प्रवेश कर गया है. सुपौल के डीएम कौशल कुमार का कहना है कि तटबंध के अंदर के लोगों को सुरक्षित स्थान जाने के लिए अलर्ट कर दिया गया है. किशनगंज और अररिया से गुजरने वाली महानंदा, मेची, कनकई, रतुआ, नूना, परमान, पनार, बकरा आदि नदियों में भी बाढ़ आ गई है.नेशनल हाइवे 327ई अररिया-बहादुरगंज मार्ग पर कनकई नदी का पानी एक से डेढ़ फीट तक बह रहा है.

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