सिटी पोस्ट लाइव :लोगों का रहन सहन और खानपान बदल चूका है.यहीं कारण है कि आज बहुत कम उम्र में ही लोग डायबिटीज के मरीज बनते जा रहे हैं.आम धारण है कि चीनी के सेवन से डायबिटीज की समस्या बढ़ जाती है. फिट रहने के लिए शुगर बंद कर देनी चाहिए. लेकिन केवल चीनी में ही सुगर नहीं होता.चीनी प्राकृतिक रूप से फलों, सब्जियों (फ्रुक्टोज) और डेयरी खाद्य पदार्थों (लैक्टोज) में पाई जाती है. यह खाद्य निर्माताओं द्वारा या घर पर स्वयं द्वारा भोजन और ड्रिंक्स में अलग से मिलाया जाता है. इस प्रकार की एक्स्ट्रा शुगर को ‘मुक्त शर्करा’ कहा जाता है और ये शुद्ध फलों के रस, स्मूदी, सिरप और शहद में भी मौजूद होती हैं. चीनी और स्वास्थ्य के बारे में बहस मुख्यतः शुगर फ्री के आसपास है.
ब्रिटिश डायबिटिक एसोसिएशन (Diabetes.Org) के मुताबिक मधुमेह के दो मुख्य प्रकार हैं – टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह.शुगर टाइप 1 मधुमेह का कारण नहीं बनती है, न ही यह आपकी जीवनशैली में किसी और चीज के कारण होती है. टाइप 1 मधुमेह में आपके अग्न्याशय में इंसुलिन उत्पादक कोशिकाएं आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा नष्ट हो जाती हैं.टाइप 2 मधुमेह का कारण नहीं बनती है, अगर आपका वजन अधिक है तो आपको इसके होने की संभावना अधिक होती है. जब आप अपने शरीर की जरूरत से ज्यादा कैलोरी लेते हैं तो आपका वजन बढ़ता है और मीठे खाद्य पदार्थों और पेय में बहुत अधिक कैलोरी होती है.
अगर बहुत अधिक चीनी आपका वजन बढ़ा रही है, तो आप टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा बढ़ा रहे हैं. लेकिन टाइप 2 मधुमेह जटिल है, और स्थिति विकसित होने का एकमात्र कारण चीनी होने की संभावना नहीं है. हम यह भी जानते हैं कि डिब्बाबंद शीतल पेय जैसे मीठे पेय, टाइप 2 मधुमेह के बढ़ते जोखिम से जुड़े हैं, और यह जरूरी नहीं कि शरीर के वजन पर उनके प्रभाव से जुड़ा हो.
फलों और सब्जियों मैं मौजूद प्राकृतिक चीनी आपके शरीर के लिए बहुत स्वस्थ होती है और आपको इनका सेवन करते रहना चाहिए. फलों के रस और स्मूदी की ओर अधिक झुकाव के बजाय एक पूरा कटा हुआ फल खाने की कोशिश करें. यहां तक कि अगर आप फलों के रस का सेवन करना चाहते हैं, तो इसे केवल एक छोटे गिलास तक सीमित करें जो लगभग 150 मिलीलीटर प्रति दिन है. यदि आप खुद को न केवल मधुमेह बल्कि अन्य स्वास्थ्य जोखिमों के अधीन नहीं करना चाहते हैं, शुगर फ्री से दूर रहना चाहिए. चॉकलेट और बिस्कुट, पास्ता सॉस, टमाटर केचप, बेक्ड बीन्स इत्यादि जैसे अन्य खाद्य पदार्थों में शुगर मौजूद होता है.
चीनी के सेवन और टाइप 2 मधुमेह के बीच संबंध पर शोध जारी है. अकेले चीनी खाने से सीधे मधुमेह नहीं हो सकता है, लेकिन चीनी एक भूमिका निभा सकती है. मधुमेह एक जटिल स्थिति है जो कई कारकों से उत्पन्न होती है. बाहरी तौर पर ही चीनी नहीं लिया जाता है, बल्कि की खाद्य और पेय पदार्थों में प्राकृतिक रूप से चीनी मौजूद होती है. उदाहरण के लिए 100 ग्राम केचप में 21.8 ग्राम चीनी हो सकती है, जिसमें ग्लूकोज, फ्रुक्टोज और माल्टोज शामिल हैं. सोडा में 10 चम्मच चीनी या 160 कैलोरी होती है. कई प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (Processed foods) जो चीनी में हाई होते हैं, जबकि जरूरी पोषक तत्वों में कम होते हैं, जैसे कि विटामिन और खनिज.
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