City Post Live
NEWS 24x7

बिहार में एक बार फिर जहरीली शराबकांड, 7 मरे, दर्जनों बीमार.

-sponsored-

-sponsored-

- Sponsored -

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में एक बार फिर जहरीली शराबकांड हो गया है.. मोतिहारी जिले में जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हो गई है.लगभग एक दर्जन लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है .मरीजों ने डॉक्टर्स को खुद बताया है कि उन्होंने शराब पी थी, जिसके बाद उनकी तबीयत खराब हुई. मोतिहारी जिले के लक्ष्मीपुर में जहरीली शराब पिने से लोगों के बीमार पड़ने के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई. शराब पीने से मरने वालों में रामेश्वर राम उर्फ जटा, ध्रुव पासवान, अशोक पासवान, छोटू पासवान शामिल है. इनमें से एक की  मौत क्लीनिक में, दूसरे की एसकेएमसीएच जाते समय रास्ते में और तीसरे की मौत आरसी मेडिकल कॉलेज में हुई.

दिसंबर 2022 में बिहार के छपरा समेत कई जिलों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद विधानसभा में बोलते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा सख्त चेतावनी देते हुए कहा था कि राज्य में शराबबंदी लागू है और अगर जहरीली शराब पियोगे तो मरोगे. उन्होंने कहा कि शराब से मौत होने पर किसी को भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा. हम राष्ट्रपिता बापू के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं. दूसरे राज्यों में जहरीली शराब पीने से मौत हो रही हैं. बीजेपी ने शराबबंदी का समर्थन किया था .

जहरीली शराब के मुद्दे पर जब बीजेपी ने नीतीश को घेरा तो विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. इसके बाद नीतीश कुमार को गुस्सा आया और वे बीजेपी पर आगबबूला होते नजर आए. नीतीश कुमार ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप सभी पहले शराबबंदी के पक्ष में थे. अब क्या हो गया है?  शराबबंदी नीति में हुए संशोधन के मुताबिक, बिहार में पहली बार शराब पीते पकड़े जाने पर दोषियों को 2,000 रुपये से 5,000 रुपये के बीच जुर्माना भरने के बाद रिहा किया जाएगा और जेल नहीं होगी.

यदि पहली बार अपराधी दंड का भुगतान करने में विफल रहता है तो उसे एक महीना जेल में बिताना पड़ेगा. यदि कोई व्यक्ति दूसरी बार शराब का सेवन करता हुआ पकड़ा जाता है तो उसे एक महीना जेल में बिताना पड़ेगा. यदि कोई व्यक्ति तीसरी बार शराब का सेवन करता हुआ पकड़ा जाता है तो उसे एक साल के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा. अब तक शराबबंदी का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ 3.8 लाख मामले दर्ज किए गए. इनमें से सिर्फ चार हजार मामलों का ही निस्तारण हो पाया है.

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.