18 पैसेंजर ट्रेनों से हटा स्पेशल का दर्जा, घटा किराया.

सिटी पोस्ट लाइव :  समस्तीपुर रेल मंडल में परिचालित होने वाली 18 पैसेंजर ट्रेनें अब  सामान्य तरीके से चलेगी. ईन ट्रेनों से स्पेशल का दर्जा हटा दिया गया है. रेलवे ने इस बदलाव इससे भाड़े में 20 रुपये की कमी कर दी गई है.कोरोना काल में कई पैसेंजर ट्रेनों को स्पेशल का दर्जा देकर चलाया जा रहा था. इससे 30 रुपये भाड़े में वृद्धि हो जाती थी. स्पेशल का दर्जा हटाने के बाद अब पैसेंजर ट्रेन के लिए निर्धारित शुल्क 10 रुपया लिया जा रहा है. इससे यात्रियों को लाभ होगा.

कम दूरी वाले यात्रियों को जितना किराया था, उतना स्पेशल का शुल्क देना पड़ता था. यात्री लंबे समय से किराये में कमी की मांग कर रहे थे. समस्तीपुर-सहरसा के बीच चलने वाली ट्रेन संख्या 05550, 05244, 05292, 05222 तथा सहरसा से समस्तीपुर के बीच चलने वाली ट्रेन संख्या ट्रेन संख्या- 05291, 05221, 05243, 05549 में पैसेंजर की बजाए एक्सप्रेस का भाड़ा लिया जा रहा था.कोरोना काल में हुए लाकडाउन से पहले इन गाड़ियों में सवारी गाड़ी का ही किराया लिया जाता था, लेकिन रेलवे ने कोरोना में लॉकडाउन के बाद इन ट्रेनों में पैसेंजर की सुविधा देने के बावजूद मेल एक्सप्रेस का नाम देकर चलाना शुरू कर दिया था, जबकि इस रेलखंड पर संचालित सहरसा-समस्तीपुर सवारी गाड़ी संख्या 05275, 05277 तथा समस्तीपुर और सहरसा के बीच चलने वाली गाड़ी संख्या 05278, 05276 में ही केवल पैसेंजर का भाड़ा लिया जा रहा है.

रेलवे के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, समस्तीपुर से सहरसा के लिए प्रत्येक दिन पैसेंजर ट्रेन से 800 लोग यात्रा करते हैं. ऐसे में समस्तीपुर से सहरसा के लिए प्रति दिन चार जोड़ी स्पेशल ट्रेन परिचालित होती है. इनसे करीब 6400 लोग यात्रा कर रहे है. इससे रेलवे काउंटर से प्रत्येक दिन 3 लाख 84 हजार रुपये का टिकट की बिक्री हो रही थी.समस्तीपुर से सहरसा के लिए पैसेंजर ट्रेन का किराया 35 रुपये निर्धारित है, लेकिन स्पेशल के नाम पर यात्री से 60 रुपये लिया जा रहा था. ऐसे में तीन साल में अब तक इस रेलखंड पर स्पेशल का नाम जोड़कर 56 करोड़ 6 लाख 40 हजार रुपये के टिकट की बिक्री हुई.पैसेंजर ट्रेन का किराये के अनुसार, इस अवधि में 32 करोड़ 70 लाख 40 हजार होना चाहिए. ऐसे में रेलवे द्वारा यात्रियों से स्पेशल के नाम पर 23.36 करोड़ रुपये अधिक वसूले गए हैं.

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