मणिपुर दरिंदगी पर बोले पीएम मोदी, किसी को बख्शा नहीं जाएगा.

15 साल का लड़का 40 साल की महिला से रेप करता है, वीडियो न आता तो PM न बोलते':ओवैशी .

 

सिटी पोस्ट लाइव : मणिपुर में 2-3 महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का पहलीबार मणिपुर हिंसा पर बयान सामने आया है. आज संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मणिपुर की घटना पूरे सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली घटना है.मेरा हृदय क्रोध और पीड़ा से भरा हुआ है. उन्होंने कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो कुछ हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. हालांकि पीएम मोदी ने ऐसे समय में यह बात कही, जब सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए सरकार से रिपोर्ट तलब की है.

 विपक्ष सीएम का इस्तीफा मांग रहा है. यह भी सवाल उठ रहे हैं कि दो महीने से क्या मणिपुर के हालात के बारे में पीएम को पता नहीं था? मणिपुर में हैवानियत पर हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री हैं, क्या उन्हें नहीं मालूम था कि मई में इस तरह का रेप हुआ.उन्हें पता था, पर जब वीडियो वायरल हो गया तब मजबूरी में प्रधानमंत्री को अपनी  तकलीफ का इजहार किया. ओवैसी ने कहा, ‘महिलाओं के कपड़े उतारकर, बाप और भाई का कत्ल कर खेत में ले जाकर 15 साल का लड़का 40 साल की महिला का रेप करता है…. और पीएम को दो महीने बाद ख्याल आया.’


ओवैसी ने कहा कि दो महीने पहले से पीएम क्या कर रहे थे, क्यों मणिपुर पर नहीं बोले.अगर 6000 हथियार लूटे गए, 60,000 गोलियां लूटी गईं. अगर उसमें से 10 हथियार और 100 गोलियां कश्मीर में लूटी जातीं तो क्या करते ये लोग? ये पूरा मेजॉरिटेरियन प्रोजेक्ट है प्रधानमंत्री का. इसीलिए आप देख रहे हैं कि मणिपुर में कूकी लोगों का नरसंहार किया जा रहा है। वहां के सीएम इसकी इजाजत दे रहे हैं.ओवैसी ने आगे कहा कि अगर पीएम वाकई में कूकी कबीले की महिलाओं को इंसाफ दिलाना चाहते हैं जिनका रेप हुआ है तो वह सीबीआई जांच का आदेश दें.

सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराने के वीडियो से वह बहुत व्यथित है. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इसे पूरी तरह अस्वीकार्य बताया. पीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से फौरन कदम उठाने और उसे यह बताने का निर्देश दिया कि क्या कार्रवाई की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा, ‘हम सरकार को कार्रवाई के लिए थोड़ा समय देंगे और अगर जमीनी स्तर पर कुछ नहीं होता है तो हम कार्रवाई करेंगे.’

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