विपक्ष की बैठक के बाद लालू -नीतीश की चुप्पी से सियासी हलचल.

सिटी पोस्ट लाइव : बेंगलुरु में मंगलवार को विपक्षी दलों की दूसरी बड़ी बैठक के बाद  जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार के सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव नहीं दिखे. बताया गया कि उन्हें फ्लाइट के लिए देर हो रही थी. हालांकि, वे अपने चार्टर्ड प्लेन से गए थे.ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि जब वे चार्टर प्लेन से गए थे तो फिर उन्हें फ्लाइट में देरी कैसे हो सकती है. दूसरी ओर प्रेस कॉन्फ्रेंस से इनके गायब रहने पर कई सवाल उठने लगे हैं. इसमें सबसे अहम ये है कि क्या विपक्षी एकता के सूत्रधार रहे नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव नाराज हो गए हैं?

हालांकि, इसपर ​​​​​न तो ​नीतीश कुमार कुछ बोल रहे हैं और न ही कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी की तरफ से कोई औपचारिक बयान जारी किया गया है, लेकिन भाजपा को मौका जरूर मिल गया है. भाजपा नेताओं ने ट्वीट करके नीतीश को निशाने पर ले लिया.23 जून को पटना में विपक्षी एकता की पहली बैठक हुई थी. इसमें तय किया गया था कि अगली बैठक कांग्रेस के नेतृत्व में होगी. इसमें गठबंधन का नाम, संयोजक और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के साथ सीट बंटवारे के फॉर्मूले की घोषणा की जाएगी, लेकिन बेंगलुरु मे हुई बैठक में बस गठबंधन के नाम की घोषणा की गई.

न तो संयोजक के नाम पर सहमति बन पाई और न ही सीट फॉर्मूले पर कोई बात बनी. इसके लिए अब अगली बैठक मुंबई में होगी. चर्चा इस बात की भी है कि नीतीश को ये रास नहीं आया. कई मीडिया चैनलों का ये भी मानना है कि नीतीश को महागठबंधन का नाम INDIA रखना सही नहीं लगा.आरजेडी के ट्विटर अकाउंट से पहले महागठबंधन के नए नाम की घोषणा की गई. इसमें लिखा गया कि अब भाजपा को INDIA कहने में भी दिक्कत होगी. हालांकि, प्रेस ब्रिफिंग शुरू होने से थोड़ी देर पहले इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया. इसके बाद आरजेडी के नेता बयान देने से बच रहे हैं.

वहीं बैठक में शामिल एक नेता की मानें तो संयोजक के पद के लिए मीटिंग में खूब माथापच्ची हुई. इसके लिए दो नाम की चर्चा  थी. पहला अरविंद केजरीवाल और दूसरा नीतीश कुमार.इस पर सहमति नहीं बनी तो चार संयोजक बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया, जो देश के चार कोने से होंगे, लेकिन छोटे दलों ने इस प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया.प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संयोजक के चयन के लिए 11 सदस्यीय जॉइंट कमेटी का गठन कर दिया गया.

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