2024 की तैयारी में जुटी RJD, जारी है बैठकों का सिलसिला.

लोक सभा प्रत्याशी तय करने से पहले ली जा रही है जिला अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं की राय.

सिटी पोस्ट लाइव : तेजस्वी यादव की पार्टी RJD 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जोरशोर से जुट गई है.पार्टी दफ्तर में लगातार  बैठकें हो रही हैं. 9 मई को संविधान और देश की वर्तमान स्थिति पर चर्चा हुई। 10 मई को जातीय गणना को केंद्र में रखकर बैठक हुई. 11 मई को हर बूथ पर पार्टी कार्यकर्ता सक्रिय रहे इसको लेकर  मंथन किया गया. अब 15 मई को जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई गई है.RJD जिलाध्यक्षों की होने वाली बैठक में लोकसभा चुनाव में संभावित प्रत्याशियों पर चर्चा की जाएगी. इसके साथ ही संभावित प्रत्याशियों का फीडबैक लिया जाएगा, ताकि प्रत्याशी उतारने से पहले जिलाध्यक्षों की राय को इग्नोर नहीं किया जा सके.

2019 लोकसभा चुनाव में RJD का गठबंधन कांग्रेस के साथ-साथ उपेंद्र कुशवाहा की तत्कालीन पार्टी रालोसपा और जीतन राम मांझी की पार्टी हम के साथ हुआ था. आरा की सीट पर RJD को माले और पाटलिपुत्र में माले ने RJD को सपोर्ट किया था. सीवान, काराकाट और जहानाबाद में माले लड़ी थी और बाकी पर RJD को सपोर्ट किया था. इसके बावजूद RJD एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. इसलिए 2024 लोकसभा चुनाव डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के लिए बड़ी चुनौती है.

नीतीश कुमार के साथ मिलकर तेजस्वी यादव विपक्षी एकता को एकजुट करने में राष्ट्रीय स्तर पर जुटे हैं. इस चुनाव में RJD के साथ JDU सहित तीन लेफ्ट पार्टियां, कांग्रेस और हम पार्टी भी साथ है. RJD की नजर अति पिछड़ा वोट बैंक पर भी है. यही वजह है कि राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने 15 दिनों के भीतर प्रदेश और जिला कमेटी के गठन का निर्देश दिए. हालांकि, महागठबंधन के भीतर सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है, लेकिन RJD ज्यादातर सीटों पर खुद को मजबूत करने में जुट गई है.पार्टी नेताओं ने बताया कि 11 मई को आयोजित बैठक में हर बूथ पर पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहेगें. बैठक में निर्णय लिया गया कि 4 क्रियाशील सदस्य हर बूथ पर रखना है.13 मई को युवा RJD के जिलाध्यक्षों की बैठक निर्धारित की गई है. 14 मई को प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक होगी. इन बैठकों में चर्चा होगी कि लोकसभा चुनाव में RJD को शून्य के आंकड़े से कैसे बाहर निकाला जा सके. बैठक में युवा RJD के कार्यकर्ताओं पर बड़ी जवाबदेही दी जाएगी.

नीतीश कुमार के इसबार साथ आ जाने की वजह से महागठबंधन मजबूत तो हुआ है लेकिन उपेन्द्र कुशवाहा, मुकेश सहनी और चिराग पासवान के साथ साथ जीतन राम मांझी के बीजेपी के साथ जाने की संभावना को देखते हुए तेजस्वी यादव सतर्क हैं.अगर वाकई बीजेपी ईन छोटे दलों को साथ लाने में कामयाब रही तो चुनौती बढ़ जायेगी.इसबार टारगेट सभी लोक सभा सीटें जितने की है.