सिटी पोस्ट लाइव :इसबार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 3 लोगों की जगह केवल एक को ही विधान परिषद् भेंज पायेगें. विधान परिषद में जिन 11 एमएलसी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है उनमें नीतीश कुमार समेत चार एमएलसी JDU के हैं. JDU से जिनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है उनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, संजय झा, खालिद अनवर और रामेश्वर महतो हैं.संजय झा राज्य सभा जा रहे हैं.एक एमएलसी को भेजे जाने के लिए 21 विधायकों की संख्या जरूरी है. विधानसभा में JDU के 45 विधायक है. ऐसे में जदयू इस बार चार की जगह सिर्फ दो ही एमएलसी चुन पाएगा. स्वाभाविक है पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले जाएंगे.दुसरे नंबर पर कोई नया चेहरा हो सकता है.
बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए 4 मार्च को नोटिफिकेशन जारी होंगे. 11 मार्च को नामांकन पत्र दाखिल करने का अंतिम दिन होगा. 14 मार्च को नामांकन पत्र वापस लेने की आखिरी तारीख होगी. इन 11 सीटों के लिए 21 मार्च को सभी सीटों पर मतदान होगा. इसी दिन शाम से काउंटिंग शुरू होगी जो 23 मार्च तक पूरी कर ली जाएगी. ध्यान रहे कि नीतीश ने 2006 के बाद से सीधे मतदाताओं का सामना नहीं किया है. वे राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद 2006 में पहली बार बिहार विधान परिषद के लिए चुने गए थे. इससे पहले वह 2004 में नालंदा लोकसभा सीट से संसद के लिए चुने गए थे और इसलिए उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. तब से उन्होंने परिषद के दरवाजे के माध्यम से सदन तक पहुंचने का विकल्प चुना था. वह 2012 में दूसरी बार और 2018 में तीसरी बार सदन के लिए चुने गए, जबकि वह चौथी बार सदन में नामांकित होने के लिए तैयार हैं.
सूत्रों की माने तो इस बार न तो खालिद अनवर और न ही रामेश्वर महतो को फिर मौका मिलने जा रहा है. कहा जा रहा है कि इस बार जदयू की तरफ से किसी नए चेहरे को विधान परिषद भेजने की तैयारी है.इस बार एनडीए की सरकार में बने नए मंत्री में मुस्लिम और किसी महिला को मंत्री नहीं बनाया गया है. सियासी जानकारों की मानें, तो राज्यसभा के उम्मीदवार संजय झा की तरह जेडीयू लोगों को चौंका सकती है. पार्टी के किसी कद्दावर और कर्मठ कार्यकर्ता के अलावा नेता को नीतीश कुमार के साथ विधान परिषद भेजा जा सकता है.