सुशील ने 2014 की याद दिलाई तो भड़के नीतीश कुमार.

 

सिटी पोस्ट लाइव : आगामी लोक सभा चुनाव को लेकर बिहार में सियासी घमाशान जारी है.बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने  2014 लोकसभा चुनाव परिणाम की याद दिलाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है.उन्होंने कहा कि BJP  के बिना JDU  22 से 2 सांसदों वाली पार्टी बन गई. पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी की बदौलत लोकसभा में जदयू 2 से 16 सीट पर पहुंचा. वरना राजद की तरह वह भी 2019 में सदन का मुंह न देख पाता. सत्ता के अहंकार में नीतीश कुमार इस हकीकत को भुलाना चाहते हैं.

मोदी ने आगे कहा कि   जो 2014 और 2019 में आये, वही बिहार की सभी 40 सीटें जीत कर 2024 में भी केंद्र की सत्ता में और शक्तिशाली होकर लौटेंगे. पिछले साल विधानसभा के तीन उपचुनाव हुए, जिनमें से दो भाजपा जीती और मोकामा में 64 हजार वोट लाकर पार्टी ने राजद को कड़ी टक्कर दी. लालू प्रसाद के आगे घुटने टेकने के कारण जदयू का लव-कुश और अतिपिछड़ा जनाधार खिसक कर भाजपा के साथ आ चुका है. सही स्थिति यह है कि जदयू कमजोर हुआ, जबकि चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के आने से एनडीए की ताकत बढ गई है.

सुशील मोदी पर पलटवार करते हुए  नीतीश ने कहा कि ‘2014 लोकसभा चुनाव परिणाम को रटने वाले भाजपाई वर्ष 2009 लोकसभा चुनाव परिणाम भूल जाते है. ये वही चुनाव था जब जदयू 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी और तब भाजपा केवल 15 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. उनको भी याद होगा जदयू ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ कर 22 सीटों पर जीत हासिल की थी. तब भाजपा 15 सीटों पर चुनाव लड़ कर 12 लोकसभा सीटों पर ही जीत पाई थी. इस बार पता चलेगा जब जदयू 40 में से 40 सीटें जीतेगी.’

2014 का लोकसभा चुनाव जदयू ,कांग्रेस और राजद ने अलग-अलग लड़ा था. भाजपा के साथ लोजपा और रालोसपा भी थी. तब भाजपा 30 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ी और 22 पर जीत हासिल की. जदयू ने 38 पर चुनाव लड़ा और 2 सीटों पर चुनाव जीती. राजद ने 27 सीटों पर लड़ कर 4 पर जीत हासिल की.रालोसपा 3 सीटों पर लड़ी, लेकिन तीनों ही जीती. लोजपा सात लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ी और छह सीटों पर जीत हासिल की. कांग्रेस 12 पर लड़ी और 2 सीटों पर जीत हासिल की.

2009 में जदयू 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी और तब भाजपा केवल 15 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. फिर भी भाजपा और जदयू दोनों की जीत का प्रतिशत 80 रहा था. लेकिन इन दोनों चुनाव का आकलन करें तो जदयू को वर्ष 2009 में 24 प्रतिशत वोट आए थे और 2014 में भाजपा से अलग होने के बाद अकेले दम पर जब जदयू मैदान में उतरी तो उसे मात्र 15.80 प्रतिशत मत ही मिले. जबकि भाजपा को 2014 के लोकसभा चुनाव में 29.38 फीसदी वोट मिले.

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