अपराध नियंत्रण के लिए बिहार पुलिस की विशेष तैयारी.

सिटी पोस्ट लाइव: बढ़ते अपराध की वजह से बिहार एकबार फिर से बदनाम हो रहा है.आये दिन हो रही अपराधिक वारदातों से लोगों की नींद उड़ी हुई है. सुशासन अपराध की वजह से विपक्ष के निशाने पर है.ऐसे में अब अपराध नियंत्रण  को लेकर बिहार पुलिस विशेष अभियान शुरू करने जा रही है.पुलिस अब शहर के गली-मोहल्लों में जाकर डोर टू डोर सर्वे करेगी. इसकी शुरुआत पटना से होगी. बाद में अन्य प्रमुख शहरों में भी पुलिस सर्वे करेगी. एक माह में सर्वे का काम पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है.

पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार के अनुसार  नो योर एरिया-नो योर पीपुल (अपने इलाके को जानो, अपने लोगों को जानो) की तर्ज पर टीओपी के पुलिसकर्मी यह सर्वे करेंगे. सर्वे के दौरान पुलिसकर्मी घरों और दुकानों में जाकर लोगों से फीडबैक लेंगे. संबंधित इलाके की समस्याओं की पहचान करेंगे.अपराध के दृष्टिकोण से संवेदनशील इलाकों को चिह्नित करेंगे. किस इलाके में छिनतई अधिक हो रही है, किन इलाकों में चोरी या लूट की घटनाएं अधिक हैं, पुलिस चिन्हित करेगी. गली-मोहल्लों में उपद्रव मचाने वाले नए आपराधिक गिरोहों को भी चिह्नित किया जाएगा.

सर्वे के दौरान ही पुलिसकर्मी लोगों को अपने घरों, दुकानों और प्रतिष्ठानों के बाहर भी कैमरा लगाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. इन कैमरों को कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जोड़ा जाएगा ताकि पुलिस-प्रशासन संबंधित इलाके में कोई घटना होने पर कैमरों का फुटेज देख सके.एडीजी गंगवार ने बताया कि पटना में 106 टीओपी की सूची बनाई गई है. पहले इनमें महज 20-22 टीओपी ही काम कर रहे थे. पिछले एक-दो माह में पटना में 75-76 टीओपी को सक्रिय कर दिया गया है. आगामी पर्व-त्योहारों को देखते हुए शेष 30 टीओपी को भी एक माह में सक्रिय कर दिया जाएगा.

एक टीओपी में एक पदाधिकारी या हवलदार के साथ तीन से चार सिपाही रहेंगे. प्रत्येक टीओपी के पुलिसकर्मी को सर्वे और गश्ती के लिए बीटवार और वार्डवार जिम्मेदारी दी जा रही है. यह टीओपी थाना और आमलोगों के बीच सेतु का काम करेंगे.  कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के जरिए पटना के विभिन्न इलाकों की निगरानी के लिए दो हजार कैमरे लगाए जाने हैं. वर्तमान में करीब 1600 सीसीटीवी कैमरे राजधानी में लगाए गए हैं. जल्द ही 400 अन्य कैमरे लगाए जाने का निर्देश दिया गया है.पुलिस मुख्यालय का मानना है कि इस नई व्यवस्था से  पुलिस और जनता के बीच दुरी  घटेगी और हर छोटी-बड़ी घटना की जानकारी मिलेगी.आपराधिक गिरोहों का दाता बनेगा और संवेदनशील ईलाकों की पहचान कर वहां बीट पेट्रोलिंग बधाई जायेगी.

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