राज्यकर्मी का दर्जा के लिए ‘परीक्षा’ लेने का विरोध तेज.

शिक्षकों के साथ खड़ी है BJP, सक्षमता परीक्षा के विरोध के लिए शिक्षकों के साथ आंदोलन की तैयारी.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में   नियोजित शिक्षकों (Niyojit Shikshak) को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए राज्य सरकार ने सक्षमता परीक्षा लेने का निर्णय लिया है. शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी नियोजित शिक्षकों के हित में आवाज बुलंद करने की रणनीति बना रही है. पिछले दिनों शिक्षा विभाग द्वारा कई छुट्टियां रद्द कर दी गई थीं.इस मामले में भी भाजपा (BJP) के आक्रामक रुख ने राज्य सरकार को निर्णय वापस लेने पर बाध्य कर दिया था.

 

भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) और प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) का कहना है कि नियोजित शिक्षक अपने अधिकार को लेकर संघर्षरत हैं.वर्ष 2006 से नियोजित शिक्षकों की ओर से अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए लगातार आंदोलन, प्रदर्शन और हड़ताल जैसे माध्यम अपनाए जा रहे हैं. बीते 33 वर्षों से राज्य में शिक्षा व शिक्षकों की स्थिति लचर बनी हुई है.

 

पिछले 18 वर्षों से नीतीश सरकार और इससे पहले लालू यादव (Lalu Yadav) और उनके बाद राबड़ी देवी (Rabri Devi) शासनकाल में शिक्षकों की मांग पूरी नहीं हो पाई थी.शिक्षक संघ के नेताओं का कहना है कि बिहार सरकार की ओर से शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने का जो आदेश जारी किया गया है, वह काफी हास्यास्पद और गैर जवाबदेह है. ‍इस अलोकतांत्रिक निर्णय को तत्काल वापस लेना चाहिए.

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