सिटी पोस्ट लाइव : क्राइम के केस को बेहतरीन इन्वेस्टिगेशन के जरिए सुलझाने के लिए बिहार के 4 पुलिस अधिकारियों को केन्द्रीय गृह मंत्री पदक सम्मान मिला है. शनिवार को ईन पुलिस अधिकारियों के नामों की घोषणा केंद्र सरकार की तरफ से की गई है. इसमें पहला नाम IPS जयंत कांत का है जो वर्तमान में चंपारण रेंज बेतिया के DIG हैं. दूसरा नाम STF के SP संतोष कुमार का है. तीसरा नाम शेखपुरा के SP कार्तिकेय कुमार और चौथा नाम मुंगेर में खड़गपुर के SDPO राकेश कुमार का है. इन सभी को बेहतर इंवेस्टिगेशन के लिए केंद्रीय गृह मंत्री पदक से सम्मानित किया गया है.
जब मुजफ्फरपुर के SSP जयंतकांत थे उस समय वहां सिम स्वैपिंग के माध्यम से कई लोगों के अकाउंट से पैसे निकाल लिए जाने का मामला सामने आया था. सिम स्वैपिंग के लिए फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर स्वैप सिम अपराधी हासिल कर लेते थे. इस काम में इनकी मदद पंजाब नेशनल बैंक का एक कर्मचारी कर रहा था.इन्वेस्टिगेशन के क्रम में पीएनबी के मोबाइल बैंकिंग सॉफ्टवेयर में एक तकनीकि खामी पुलिस द्वारा पकड़ी गई थी. पहले पुलिस ने पंजाब नेशनल बैंक को पत्र लिखा. फिर पटना हाईकोर्ट की तरफ से इस मामले में मुजफ्फरपुर की पुलिस को एक निर्देश दिया गया था.
इस मामले में 3 करोड़ रुपए जब्त किए गए थे. इस एक केस के जरिए 5 अलग-अलग जिलों में दर्ज किए 12 केस का उद्भेदन हुआ था. 20 से अधिक फर्जी केवाईसी के आधार पर खुले घोस्ट एकाउंट्स को पुलिस द्वारा जब्त किया गया था. हवाला के माध्यम से अवैध रूप से दूसरे राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से वापस कुरियर व बस के माध्यम से नगद पैसे बिहार वापस भेजने के साजिश का भी खुलासा किया गया था. अनुसंधान के क्रम में 35 पंजाब नेशनल बैंक के खाताधारकों को भी सावधान करते हुए उनके खातों में जमा करीब 5 करोड़ रुपए को अपराधियों के हाथ लगने से बचाया गया था.
IPS संतोष कुमार जब शिवहर के SP थे उस दरम्यान राकेश कुमार शिवहर में ही SDPO थे. अक्टूबर 2020 में तरियानी छपरा थाना के तहत एक नाबालिग बच्ची का बहला फुसला कर रेप किया गया था. इसके बाद बदमाशों ने उसकी हत्या कर दी थी. इस मामले के सामने आने के 60 दिन से भी कम समय में बेहतरीन तरीके से जांच की गई थी. महज 19 महीने के अंदर आरोपी को सजा दिलाई गई थी.
IPS कार्तिकेय शर्मा SP बरबीघा जब थे बरबीघा में 18 सितंबर की रात डकैती के दरम्यान 17 साल के युवक की हत्या कर दी गई थी. महज 15 दिनों के अंदर 6 अपराधियों को पकड़ा गया. एक फरार अपराधी के संपत्तियों की कुर्की-जब्ती की गई. साथ ही स्पीडी ट्रायल के जरिए अपराधियों को सजा दिलाई गई. इसी उपलब्धि को लेकर कार्तिकेय कुमार को पदक मिला है.