MLC चुनाव में BJP का जलवा, मगध में महागठबंधन को करारी शिकस्त.

सिटी पोस्ट लाइव : विधान परिषद की शिक्षक और स्नातक की 5 सीटों के लिए 31 मार्च को हुए चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं.अब बीजेपी परिषद में सबसे बड़ा दल बन गई है.सदन में बीजेपी सदस्यों की संख्या 25 हो गई है जबकि JDU के 23 सदस्य ही हैं.इस चुनाव में सबसे रोचक और कड़ा मुकाबला गया स्नातक सीट पर हुआ. इस सीट में मगध-शाहाबाद के 8 जिले समाहित हैं और इनमें 43 एमएलए में 40 महागठबंधन के हैं.फिर भी बीजेपी ने जेडीयू से गया शिक्षक सीट छीन ली.गया स्नातक सीटिंग सीट पर बीजेपी के अवधेश नारायण सिंह ने आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के छोटे पुत्र डॉ पुनीत को हरा दिया.अवधेश नारायण सिंह को 24290 तो पुनीत कुमार को 22624 वोट मिले. कुल 61130 वोट पड़े थे. 53999 वैध. 7131 वोट अवैध.जीत के लिए 50% से 1 वोट ज्यादा चाहिए थे जो अवधेश नारायण सिंह को आठवें राउंड तक नहीं मिले. अंत में फैसला सर्वाधिक वोट के आधार पर हुआ.

 

शिक्षक नेता केदार पांडेय के पुत्र पुष्कर आनंद पिता की तरह क्षेत्र में सक्रिय नहीं हो पाये. फायदा जन सुराज समर्थित अफाक अहमद को मिला. एमएलसी सच्चिदानंद राय का भी साथ जीत का कारण बना.सारण स्नातक के चुनाव में जेडीयू के डॉ वीरेंद्र नारायण यादव ने बीजेपी के महाचंद्र सिंह को हराकर जीत दर्ज की. वीरेंद्र की यह लगातार दूसरी जीत है. उन्होंने पिछले 36 सालों से विधान पार्षद रहे महाचंद्र सिंह को दूसरी बार हराया.

 

गया शिक्षक क्षेत्र के चुनाव में जीवन कुमार ने बाजी मार ली.जेडीयू उम्मीदवार संजीव श्याम सिंह के खिलाफ एंटी इंकंबेंसी थी.आरजेडी-जेडीयू के बीच तालमेल का भी अभाव था.बीजेपी उम्मीदवार जीवन कुमार के खड़ा होने से संजीव की स्थिति प्रतिकूल हो गई.गया स्नातक क्षेत्र के चुनाव में भी बीजेपी उम्मीदवार अवधेश न. सिंह ने बाजी मार ली.आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह के भाई और जगदानंद सिंह के पुत्र होने के कारण पुनीत सिंह को जेडीयू वोटरों का सपोर्ट नहीं मिला. अवधेश नारायण को एंटी इंकंबेंसी के बावजूद जेडीयू नेतृत्व से अच्छे संबंध होने का फायदा मिला.कोसी शिक्षक क्षेत्र से संजीव कु. सिंह लगातार चौथी बार जीते. सारे प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई. शिक्षकों की समस्याओं को संजीदगी से उठाने व समाधान के प्रयास के कारण वे शिक्षकों में लोकप्रिय रहे हैं.

 

मगध क्षेत्र में असर आगामी चुनावों में दिखेगा.आरजेडी के लिए -गया स्नातक सीट जिन 8 जिलों में फैली है. 43 विधायकों में 40 महागठबंधन के हैं. असर पार्टी पर पड़ेगा.सीपीआई के लिए – दो दशक से सारण से लगातार जीते रही पार्टी के लिए यह हार उसके प्रभाव को और घटाएगा. अब प्रदेश में मात्र एक सीट ही उसके पास है.

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