सिटी पोस्ट लाइव : पूर्ण शराबंदी वाले बिहार में जहरीली शराब पीने से अबतक कुल 468 लोगों की जान जा चुकी है. विभाग की ओर से जारी आंकड़ा के मुताबिक जहरीली शराब से 199 लोगों की मौत हुई है. 269 केस सस्पेक्टेड है.सरकार अब जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों को 4 लाख रुपए मुआवजा देगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा की है. मद्य निषेध विभाग में सभी डीएम को निर्देश जारी कर दिए हैं.
सरकार के इस आदेश का फायदा सबसे पहले 199 लोगों के परिवार को मिलेगा. 269 लोगों की जान जहरीली शराब से गई है या नहीं, इसपर संशय की स्थिति है. ऐसे लोगों को मुआवजा लेने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.बिहार में शराबबंदी 5 अप्रैल 2016 से लागू हुई है. शराबबंदी के बाद से जहरीली शराब से जुड़ी 32 घटनाएं हो चुकी हैं. इस घटनाओं में जहरीली शराब पीने से 199 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, लेकिन 269 लोगों की मौत संदिग्ध मानी जा रही है. इनकी मौत का कारण में जहरीली शराब की पुष्टि नहीं हो हुई है.
16 अगस्त 2016 को गोपालगंज के खजुरबनी इलाके में 19 लोगों की मौत हुई. 25 जुलाई 2017 को गोपालगंज के उचकागांव में हुई इसमें 1 व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई थी.28 अक्टूबर 2017 को रोहतास के कच्छवां थाना क्षेत्र में हुई. यहां 4 लोगों की मौत हुई थी.15 नवंबर 2017 को वैशाली के बरांटी ओपी के राजापाकड़ में हुई. इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी.24 अगस्त 2018 को मुजफ्फरपुर के मोतीपुर थाना क्षेत्र मे हुई. इसमें एक व्यक्ति की मौत हुई थी.17 फरवरी 2021 को मुजफ्फरपुर के कटरा थाना क्षेत्र में हुई. इसमें पांच लोगों की मौत हुई थी.29 मार्च 2021 को नवादा के नगर थाना क्षेत्र में 11 लोगों की मौत हुई थी.9 जुलाई 2021 को पश्चिम चंपारण के लौरिया और रामनगर थाना क्षेत्र में 12 लोगों की मौत हुई थी.14 दिसंबर 2022 को सारण के इशुआपुर एवं मशरक में हुई घटना में 42 लोगों की मौत हो गई थी.
बिहार सरकार ने स्पष्ट किया है कि 16 अप्रैल 2023 के बाद सरकारी मुआवजा लेने के लिए डेडबॉडी का पोस्टमार्टम करना जरूरी होगा। बिना पोस्टमार्टम मुआवजा के हकदार नहीं होंगे. इसके पहले हुई मौतों का दस्तावेज रखना होगा.बीजेपी नेता सुशील मोदी ने मुवावजे को लेकर लगाईं गई शर्तों को समाप्त करने की मांग की है.उन्होंने कहा कि पुलिस के डर से लोगों ने शवों को जला दिया .