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यूपी पुलिस कर रही है राजन तिवारी के एनकाउंटर की तैयारी.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार के एक बाहुबली नेता राजन तिवारी यूपी पुलिस के निशाने पर हैं.यूपी पुलिस ने अपने राज्य के कुख्यात गैंगस्टरों की जो सूची जारी की है उसमे राजन तिवारी का नाम शामिल है. सूत्रों के अनुसार अब पुलिस को ये टास्क मिला है कि सूची में शामिल सभी गैंगस्टर को मार गिराना है.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने राज्य के सभी जिलों में छोटे क्राइम करने वाले अपराधियों से लेकर गैंगस्टर से बाहुबली नेता बने माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी की है. सरकार ने ऐसे माफियाओं की करीब 500 करोड़ रुपये की संपत्ति का भी पता लगाया है, जिसे कुर्क करने की तैयारी की जा रही है.

 

बिहार से विधायक रह चुके राजन तिवारी का नाम यूपी के टॉप 61 माफिया की लिस्ट में शामिल है.उन्हें यूपी का बडा माफिया डॉन बताया गया है. यूपी पुलिस ने राजन तिवारी की संपत्ति जब्त करने से लेकर दूसरी कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है. राजन तिवारी 90 के दशक का कुख्यात माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला का सहायक रह चुका है. यूपी पुलिस ने जब राजन तिवारी का जब आपराधिक इतिहास निकलवाया तो पता चला कि वह आठ मर्डर, अपहरण, अवैध वसूली समेत 40 से ज्यादा मुकदमों में आरोपित है.

 

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में जन्में राजन तिवारी ने कॉलेज के वक्त से ही अपराध की राह पकड़ ली थी. उस समय पूर्वांचल में श्रीप्रकाश शुक्ला ने अपराध की दुनिया में अपनी धाक जमा दी थी. राजन तिवारी ने श्रीप्रकाश शुक्ला का दामन थाम कर अपराध की दुनिया में अपनी पहचान बनायी.राजन तिवारी का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में तब आया, जब 1996 में गोरखपुर कैंट से विधायक रहे वीरेंद्र प्रताप शाही पर हुए हमला हुआ. यह घटना गोरखपुर के शास्त्री चौक पर उस समय हुई जब वीरेंद्र शाही अपने घर से निकलकर शहर में जा रहे थे. इसमें वीरेंद्र शाही गंभीर रूप से घायल हुए और उनका गनर मारा गया था.

 

इस घटना में राजन तिवारी का नाम आया था और उसके बाद राजन तिवारी यूपी पुलिस के लिए वांटेड बन गया. बाद में वह भाग कर बिहार पहुंचा और यहां अपने पूर्वी चंपारण को अपना ठिकाना बना लिया.राजू तिवारी का नाम बिहार के कई बड़े आपराधिक मामलों में आया. 1998 में राज्य सरकार के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद की हत्या में राजन तिवारी का नाम प्रमुखता से आया. माकपा विधायक अजीत सरकार हत्याकांड में भी राजन तिवारी का नाम आया था.

 

राजन तिवारी बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के गोविंदगंज विधानसभा क्षेत्र से दो दफे विधायक चुने गये.अजीत सरकार और बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड में निचली अदालत से सजा मिलने के बाद राजन तिवारी ने गोविंदगंज सीट से अपने भाई राजू तिवारी को चुनाव लड़वाया था.राजू तिवारी 2015 में विधायक चुने गये थे. बाद में राजन तिवारी को पटना हाईकोर्ट ने इन मामलों में बरी कर दिया था. हालांकि उत्तर प्रदेश में उसके खिलाफ 40 मामले दर्ज हैं. उत्तर प्रदेश की पुलिस ने अपने यहां के एक पुराने मामले में पिछले साल सितंबर में राजन तिवारी को बिहार के रक्सौल से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने कहा था कि वह नेपाल भागने की तैयारी में था.

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