गिरिराज के हिन्दू स्वाभिमान यात्रा से क्यों मची है हलचल?

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सिटी पोस्ट लाइव :बीजेपी के साथ सरकार चलाने के वावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कभी अपने सेक्युलर क्रेडेंशियल के साथ समझौता नहीं किया.हमेशा अपनी शर्तों पर सरकार चलाते रहे.इसबार लोक सभा चुनाव के बाद वो फिर से मजबूत होकर उभरे हैं लेकिन बीजेपी ने अपने हिंदुत्व के अजेंडे को आगे बढ़ा रही है.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह हिन्दू स्वाभिमान यात्रा शुरू कर रहे हैं.उनकी यह हिन्दू स्वाभिमान यात्रा भागलपुर से शुरू होकर सीमांचल के किशनगंज में जाकर समाप्त होगी. दरअसल गिरिराज सिंह जिस इलाके से अपने यात्रा की शुरुआत और अंत कर रहे हैं वो मुस्लिम बाहुल्य वाला इलाका माना जाता है. इन क्षेत्रों से गिरिराज सिंह यात्रा गुजरने को लेकर बिहार में सियासी हलचल भी तेज हो गई है.

 

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सिटी पोस्ट लाइव :बीजेपी के साथ सरकार चलाने के वावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कभी अपने सेक्युलर क्रेडेंशियल के साथ समझौता नहीं किया.हमेशा अपनी शर्तों पर सरकार चलाते रहे.इसबार लोक सभा चुनाव के बाद वो फिर से मजबूत होकर उभरे हैं लेकिन बीजेपी ने अपने हिंदुत्व के अजेंडे को आगे बढ़ा रही है.केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह हिन्दू स्वाभिमान यात्रा शुरू कर रहे हैं.उनकी यह हिन्दू स्वाभिमान यात्रा भागलपुर से शुरू होकर सीमांचल के किशनगंज में जाकर समाप्त होगी. दरअसल गिरिराज सिंह जिस इलाके से अपने यात्रा की शुरुआत और अंत कर रहे हैं वो मुस्लिम बाहुल्य वाला इलाका माना जाता है. इन क्षेत्रों से गिरिराज सिंह यात्रा गुजरने को लेकर बिहार में सियासी हलचल भी तेज हो गई है.दरअसल गिरिराज सिंह शुरू से ही हिंदुत्व की बात जोर शोर से उठाते रहे हैं. इस बार गिरिराज सिंह ने यात्रा के लिए जिन इलाके को चुना है उन्हीं इलाकों से सभी दलों के बड़े नेता भी अपनी चुनावी यात्राओं और सभाओं की शुरुआत करते रहे हैं. गिरिराज सिंह की इस हिन्दू स्वाभिमान यात्रा के बहाने बीजेपी हिंदुत्व कार्ड को उभार कर अपना जनाधार बढ़ाना चाहती है. इसके पीछे वजह यह है कि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने एनडीए को सीमांचल में तगड़ी शिकस्त दी थी. ऐसे में एनडीए खासकर बीजेपी की कोशिश है कि हिंदुत्व के मुद्दे को उठा कर ध्रुवीकरण का फायदा उठा सके.सीमांचल बीजेपी के लिए कितना खास है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर दिलीप जायसवाल को बिठाया है जो सीमांचल से ही आते हैं. अब गिरिराज सिंह की यात्रा की शुरुआत भी सीमांचल को फोकस कर किया जा रहा है. इससे पहले भी बिहार की जनता (खासकर हिंदू-मुस्लिम मतदाता) को सीमांचल से ही बड़ा मैसेज दिया जाता रहा है. यही वजह है कि चाहे वह असदुद्दीन ओवैसी हो या राहुल गांधी सभी चुनाव के दौरान सीमांचल का रुख करते हैं. राहुल गांधी ने भी लोकसभा चुनाव से पहले सीमांचल में भारतजोड़ यात्रा की थी.गिरिराज सिंह की यात्रा को कांग्रेस और आरजेडी माहौल खराब करने वाली यात्रा बताई है. आरजेडी और कांग्रेस ने कहा है कि इस तरह की यात्रा से माहौल खराब होगा. इस यात्रा पर नीतीश कुमार को ध्यान देना चाहिए जो खुद को सेक्यूलर कहते हैं और CCC (Crime Communilism Corruption) से समझौता नहीं करने की बात कहते हैं. इस यात्रा पर जेडीयू की भी नजर है .हालांकि अभी तक इस यात्रा पर जेडीयू का कुछ क्लियर स्टैंड सामने नहीं आया है. JDU MLC गुलाम गौस कहते हैं कि यात्रा करें इस पर रोक नहीं है. लेकिन, यात्रा से माहौल खराब न हो इसका ध्यान रखें. यह नीतीश कुमार का राज है. माहौल खराब करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी.गिरिराज सिंह के अनुसार आज हिंदू बिहार में कई जगह मुश्किल में है. सीमांचल इलाके में  हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं और मुस्लिम बहुसंख्यक. इसीलिए गिरिराज सिंह की यात्रा बेहद जरूरी है और जिन्हें कष्ट हो रहा है वो तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं. अब ऐसे में सवाल यह उठा रहा है कि क्या इस यात्रा का बीजेपी जेडीयू के रिश्तों पर क्या असर पड़ेगा?

दरअसल गिरिराज सिंह शुरू से ही हिंदुत्व की बात जोर शोर से उठाते रहे हैं. इस बार गिरिराज सिंह ने यात्रा के लिए जिन इलाके को चुना है उन्हीं इलाकों से सभी दलों के बड़े नेता भी अपनी चुनावी यात्राओं और सभाओं की शुरुआत करते रहे हैं. गिरिराज सिंह की इस हिन्दू स्वाभिमान यात्रा के बहाने बीजेपी हिंदुत्व कार्ड को उभार कर अपना जनाधार बढ़ाना चाहती है. इसके पीछे वजह यह है कि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने एनडीए को सीमांचल में तगड़ी शिकस्त दी थी. ऐसे में एनडीए खासकर बीजेपी की कोशिश है कि हिंदुत्व के मुद्दे को उठा कर ध्रुवीकरण का फायदा उठा सके.

सीमांचल बीजेपी के लिए कितना खास है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर दिलीप जायसवाल को बिठाया है जो सीमांचल से ही आते हैं. अब गिरिराज सिंह की यात्रा की शुरुआत भी सीमांचल को फोकस कर किया जा रहा है. इससे पहले भी बिहार की जनता (खासकर हिंदू-मुस्लिम मतदाता) को सीमांचल से ही बड़ा मैसेज दिया जाता रहा है. यही वजह है कि चाहे वह असदुद्दीन ओवैसी हो या राहुल गांधी सभी चुनाव के दौरान सीमांचल का रुख करते हैं. राहुल गांधी ने भी लोकसभा चुनाव से पहले सीमांचल में भारतजोड़ यात्रा की थी.

गिरिराज सिंह की यात्रा को कांग्रेस और आरजेडी माहौल खराब करने वाली यात्रा बताई है. आरजेडी और कांग्रेस ने कहा है कि इस तरह की यात्रा से माहौल खराब होगा. इस यात्रा पर नीतीश कुमार को ध्यान देना चाहिए जो खुद को सेक्यूलर कहते हैं और CCC (Crime Communilism Corruption) से समझौता नहीं करने की बात कहते हैं. इस यात्रा पर जेडीयू की भी नजर है .हालांकि अभी तक इस यात्रा पर जेडीयू का कुछ क्लियर स्टैंड सामने नहीं आया है. JDU MLC गुलाम गौस कहते हैं कि यात्रा करें इस पर रोक नहीं है. लेकिन, यात्रा से माहौल खराब न हो इसका ध्यान रखें. यह नीतीश कुमार का राज है. माहौल खराब करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी.

गिरिराज सिंह के अनुसार आज हिंदू बिहार में कई जगह मुश्किल में है. सीमांचल इलाके में  हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं और मुस्लिम बहुसंख्यक. इसीलिए गिरिराज सिंह की यात्रा बेहद जरूरी है और जिन्हें कष्ट हो रहा है वो तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं. अब ऐसे में सवाल यह उठा रहा है कि क्या इस यात्रा का बीजेपी जेडीयू के रिश्तों पर क्या असर पड़ेगा?

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