City Post Live
NEWS 24x7

आज सहरसा जेल जा रहे हैं आनंद मोहन, कल होगें रिहा.

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव :बाहुबली नेता आनंद मोहन सहरसा जेल के लिए निकल चुके हैं.आनंद मोहन बेटे की सगाई के लिए 15 दिनों की पैरोल पर आए थे. 25 अप्रैल को उनकी पैरोल खत्म हो गई है. आज वह जेल में जाकर पैरोल सरेंडर करेंगे. उसके बाद उनकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू होगी.जानकारी के मुताबिक आनंद मोहन थोड़ी देर में अपने पैतृक आवास पर समर्थकों के साथ बैठक करने वाले हैं. उसके बाद 3 से 4 बजे पैरोल सरेंडर करेंगे. इसके बाद उनकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

 

जेल सूत्रों के मुताबिक आनंद मोहन का जेल में काफी सामान है. 200 से 300 किताबों की उनकी एक लाइब्रेरी है. आनंद मोहन किताबों को जेल लाइब्रेरी को डोनेट करेंगे.जानकारी के मुताबिक रिहाई के बाद आनंद मोहन अपने समर्थकों के साथ रोड शो करेंगे.बताया जा रहा कि इस रोड शो में पूरे बिहार से लोगों को बुलायार निकलें गया है. इस रोड शो में कुछ प्रमुख नेता भी शामिल हो सकते है.27 अप्रैल को आनंद मोहन 12 से 1 बजे के बीच जेल से बाहगे. जेल से निकलने के बाद हजारों लोग उनके समर्थन में सहरसा में रोड शो कर करेंगे. रोड शो के बाद आनंद मोहन पटना के लिए रवाना होंगे.

 

गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की 4 दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर में हत्या हुई थी. इस हत्याकांड में आनंद मोहन को अक्टूबर 2007 में उम्रकैद की सजा हुई थी. तब से वे जेल में हैं. जेल मैन्युअल के मुताबिक, उन्हें 14 साल की सजा पूरी करने के बाद परिहार मिल सकता था, लेकिन 2007 में जेल मैन्युअल में एक बदलाव की वजह से वे बाहर नहीं आ पा रहे थे.अब सरकार ने जेल से बाहर निकालने के लिए नियम बदल दिए हैं. इसके बाद आनंद मोहन समेत 27 लोगों को सोमवार को रिहाई के आदेश जारी कर दिए गए. आनंद मोहन पर 3 और केस चल रहे हैं. इनमें उन्हें पहले से बेल मिल चुकी है.

 

गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया 5 दिसंबर 1994 को हाजीपुर से गोपालगंज लौट रहे थे. इसी दौरान मुजफ्फरपुर में आनंद मोहन के समर्थक DM की गाड़ी को देखते ही उन पर टूट पड़े. पहले उन्हें पीटा गया, फिर गोली मारकर हत्या कर दी थी.आरोप लगा कि भीड़ को आनंद मोहन ने ही उकसाया था. घटना के 12 साल बाद 2007 में लोअर कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई. आजाद भारत में यह पहला मामला था, जिसमें एक राजनेता को मौत की सजा दी गई थी.2008 में हाईकोर्ट ने इस सजा को उम्रकैद में बदल दिया था.

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.