सिटी पोस्ट लाइव :बीजेपी लोक सभा चुनाव के पहले यादव मतदाताओं को साधने में जुट गई है. पूरी तरह से लालू यादव के साथ खड़े यादव समाज को बीजेपी से जोड़ने की जिम्मेवारी यादव नेताओं को दी गई है.पहलीबार बीजेपी की तरफ से पटना में गोवर्द्धन पूजा के बहाने यदुवंशियों के समागम का आयोजन किया गया. अभी तक बीजेपी के धुर विरोधी RJD के आधार वोटर यादवों को साधने में जुटी बीजेपी ने 21 हजार से अधिक यदुवंशियों को पार्टी में शामिल करवाने का दावा किया है.
इतने यदुवंशी एकसाथ अगर बीजेपी के साथ जुड़े हैं तो बीजेपी के यादव नेताओं का मनोबल बढ़ा है.केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय समेत तमाम बीजेपी के यादव नेताओं का पार्टी में प्रभाव भी बढेगा.बीजेपी मानती है कि कुछ वर्गों व जातियों का पूर्ण सहयोग नहीं मिलने के कारण राजग को लोकसभा के पिछले चुनाव में एक सीट गंवानी पड़ी थी. यदुवंशियों के साथ आ जाने से इस बार बिहार की सभी 40 सीटें झोली में आने का दावा बीजेपी नेता नित्यानंद राय कर रहे हैं.उनका दावा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तेवर और राजद के रुख-रवैया से भाजपा के लिए बिहार विजय की संभावना और बलवती हो गई है.
भाजपा के मंच से यदुवंशियों ने एक सुर में जिस अंदाज में हुंकार भरी उससे 2024 के साथ 2025 के लिए चुनावी जमीन तैयार करने का बड़ा संदेश है. राजधानी के बापू सभागार में भाजपा के यदुवंशी नेता अपना शक्ति प्रदर्शन दल नेतृत्व को बताने का भरसक प्रयास किया कि यादव समाज भी उनके साथ है. माना जाता है कि बिहार में यादव समाज राजद का पक्षधर है.शायद यहीं कारण है कि कारण यह कि बीजेपी ने प्रदेश संगठन में यादव समाज को सिर्फ एक पद दिया है. वर्तमान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जहां पिछड़ा वर्ग में कुशवाहा समाज से आते हैं, वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी सवर्ण को दी गई है. विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी अति पिछड़ा वर्ग को मिला है.
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