City Post Live
NEWS 24x7

तेजस्वी यादव के तीन फैसलों से BJP की बढ़ी बेचैनी.

बिहार सरकार के निर्णयों में RJD की बढ़ती दखलअंदाजी के मिलने लगे संकेत

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार ने हाल के दिनों में तीन बड़े फैसले लिए हैं.ऐसा माना जा रहा है कि ये फैसले नीतीश कुमार के नहीं बल्कि तेजस्वी यादव के हैं. बिहार के लगभग सभी राजनीकि दल अब अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर जोड़, घटाव में जुटे हैं. इस चुनाव में फायदे और हानि को तौलकर ही आगे की रणनीति बनाई जा रही है.ऐसे में तेजस्वी यादव के तीन बड़े फसलों से बीजेपी की बेचैनी बढ़ गई है.

बिहार सरकार द्वारा हाल में लिए गए तीन बड़े फैसले से इस चर्चा को बल मिला है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के दबाव में हैं.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में जिस तरह शराबबंदी को लेकर भी बड़ा फैसला लेते हुए यह घोषणा की है कि जहरीली शराब से मरने वाले परिजनों को चार-चार रुपये दिए जाएंगे, उससे इस बात के संकेत मिलने लगे हैं कि सरकार में तेजस्वी यादव की दखलअंदाजी बढ़ी है. यह वही नीतीश कुमार हैं, जो कई मौकों पर कह चुके हैं, कि जो पिएगा वह मरेगा. ऐसे में मरने वालों के परिजनों के लिए कोई सहानुभूति के बात ही नहीं है.RJD जब विपक्ष में था तो तेजस्वी यादव शराब से मरने वालों के परिजनों को मुआवजे की मांग को लेकर मुखर रहे थे, ऐसे में माना जा है कि तेजस्वी के दबाव में ही सरकार द्वारा ऐसा फैसला लिया गया है.

बिहार जेल नियमावली में भी संशोधन के पीछे भी तेजस्वी यादव का दबाव माना जा रहा है. इस संशोधन के बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन सहित 27 कैदियों को जेल से रिहा करने के आदेश जारी कर दिए गए. भाजपा के नेताओं का आरोप है कि इन छोडे गए कैदियों में अधिकांश यादव और मुसलमान समाज से आते हैं जो RJD के वोट बैंक हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि कानून में संशोधन भी तेजस्वी यादव के दबाव में लिया गया है.क्राइम को लेकर जीरो टॉलरेंस की निति पर चलनेवाले नीतीश कुमार का ये फैसला नहीं हो सकता.

सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति नियमावली में भी बदलाव करते हुए बिहार लोक सेवा आयोग से शिक्षकों की बहाली करने की योजना बनाई है. नियमावली के मुताबिक ऐसे शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा. इससे पहले पंचायत स्तर की नियुक्ति को लेकर RJD के नेता विरोध करते रहे हैं. शिक्षक नियुक्ति के नियमावली में हुए बदलाव का सत्ताधारी पार्टी के भी कई नेता विरोध कर रहे हैं. माना यह भी जा रहा है कि RJD सरकार में धीरे-धीरे दखलअंदाजी बढ़ा रही है और ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं, जिससे आने वाले चुनाव में महागठबंधन को फायदा मिल सके.

उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी का कहना है कि नीतीश कुमार सत्ता में बने रहने के लिए लालू-राबड़ी परिवार के भ्रष्टाचार और एम-वाई समीकरण के अपराध के आगे घुटने टेक कर समझौता कर लिया है.उन्होंने कहा कि जघन्य अपराध के मामलों में सजायफ्ता जिन 27 बंदियों को छोड़ा जा रहा है, उनमें 13 RJD के एम-वाई वोट बैंक वाले समुदाय से हैं.

कहा जा रहा है कि तेजस्वी यादव के दबाव में शराबबंदी को लेकर भी नीतीश कुमार कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.RJD पहले भी शराबबंदी को लेकर समीक्षा की बात करते रहा है, ऐसे में शराबबंदी कानून के तहत जेलों में बंद उन लाखों लोगों को छोड़ा जा सकता है जो पिछड़े-अति-पिछड़े और दलित समाज से आते हैं.गौरतलब है कि शराबबंदी कानून के तहत आठ लाख से ज्यादा लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.गिरफ्तार होनेवाले ज्यादातर लोग पिछड़े समाज से आते हैं.

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

- Sponsored -

Comments are closed.