City Post Live
NEWS 24x7

बिहार में 10 सीटों पर कांग्रेस की दावेदारी.

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी दस सीटों पर लड़ना चाहती है.पिछले चुनाव में कांग्रेस पार्टी नौ सीटों पर लड़ी थी. एकमात्र किशनगंज में सफल रही थी.  कांग्रेस इसबार 10 सीटों की मांग कर रही है.अभी बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में जेडीयू भी शामिल है.जेडीयू के 16 सांसद हैं. कांग्रेस की पसंदीदा कुछ सीटों पर जदयू काबिज है तो कुछ पर वामदल भी दावेदारी कर रहे हैं.

बिहार में कांग्रेस को इसबार नीतीश कुमार का ज्यादा समर्थन नहीं मिलेवाला.कांग्रेस पार्टी लालू यादव के भरोसे है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह के उनसे अच्छे रिश्ते हैं.इस भरोसे कांग्रेस नौ-दस सीटों की उम्मीद लगाए बैठी है. लेकिन नीतीश कुमार अपनी सिटिंग सीट कांग्रेस के लिए छोड़ेगें इसकी उम्मीद कम ही है.कांग्रेस को इसबार 5 से 6 सीटों पर ही संतोष करना पड़ सकता है.

 किशनगंज के साथ कटिहार, सुपौल, सासाराम, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, बेगूसराय, नवादा और पूर्वी चंपारण पर कांग्रेस की दावेदारी है. वाल्मीकिनगर, पूर्णिया, मुंगेर और पटना साहिब संसदीय क्षेत्र अब उसकी पहली पसंद नहीं रहे.इस बार की सूची में जुड़ने वाली दरभंगा, मधुबनी, बेगूसराय, नवादा और पूर्वी चंपारण पसंदीदा नई सीटें हैं. वाल्मीकिनगर के साथ कटिहार और समस्तीपुर पर माले की भी दावेदारी है.बेगूसराय पर भाकपा दावा ठोक रही तो समस्तीपुर पर माकपा का दावा है.

दावेदारी का पहला आधार सामान्यत सीटिंग के साथ निकटतम मुकाबले वाली सीट होती है. कांग्रेस पिछली बार हारी हुई सभी आठ सीटों पर  निकटतम प्रतिद्वंद्वी रही थी. लेकिन उनमें से चार पर वह दावा  नहीं कर रही है.जिन नई सीटों पर उसकी दावेदारी है, उनमें से नवादा और पूर्वी चंपारण को राजद अपने लिए अनुकूल पा रही है. पूर्वी चंपारण पर अखिलेश सिंह की नजर बताई जा रही है. दरभंगा में जदयू पहले से पसीना बहा रही है और मधुबनी का जातिगत समीकरण राजद को भाता है.। ऐसी उलझन कमोवेश हर सीट पर है.

2019 में कांग्रेस सबसे कम मतों (57203) के अंतर से कटिहार में हारी थी. वहां पार्टी के दिग्गज तारिक अनवर आज भी तत्पर हैं. कांग्रेस की दावेदारी सहज है.हालांकि, किशनगंज के संदर्भ में जदयू का भी यही तर्क हो सकता है. पिछली बार जदयू एकमात्र उसी सीट पर कांग्रेस से हारी थी. हार का अंतर (34666 वोट) किशनगंज से कम ही रहा था.

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.