City Post Live
NEWS 24x7

आसान नहीं है NDA के अलोकप्रिय सांसदों को हराना.

बिहार बीजेपी के 60 फीसदी वोट से ज्यादा वोट से चुनाव जीतनेवाले सांसदों का क्यों कट गया टिकेट .

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव  : बिहार की 40 लोकसभा सीटों में 29 सीटें ऐसी हैं जहां पिछले चुनाव में NDA के पक्ष में एकतरफा मतदान देखने को मिला था. इन 29 सीटों पर विजयी प्रत्याशी को अकेले आधे से अधिक यानी 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे. बाकी सभी प्रत्याशियों का कुल वोट प्रतिशत मिलाकर भी विजयी प्रत्याशी से कम था. इनमें बीजेपी  के सर्वाधिक 14 जेडीयू  के 10 और एलजेपी  के पांच सांसद शामिल हैं.

लोकसभा चुनाव 2019 के चुनावी नतीजे को देखने से लगता है कि इंडिया गठबंधन के लिए बिहार में NDA प्रत्याशियों को हराना आसान काम नहीं होगा.पिछले लोक सभा चुनाव में बीजेपी  के पांच सांसद  60 प्रतिशत से भी अधिक वोट से जीते. मुजफ्फरपुर से अजय निषाद सर्वाधिक 63.03% वोट पाकर सांसद बने.पटना साहिब से रविशंकर प्रसाद को 61.85%, मधुबनी से अशोक कुमार यादव को 61.83%, दरभंगा से गोपालजी ठाकुर को 60.74% और शिवहर से रमा देवी को 60.59% वोट मिले.

 

सबसे रोचक बात ये रही कि  पिछले चुनाव में सर्वाधिक वोट प्रतिशत पाकर जीत दर्ज करने वाले सांसदों के ही टिकेट काट दिए जाने की अटकलें लगती रहीं.कुछ सांसदों के साथ ऐसा हुआ भी मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद का बीजेपी  ने टिकट काट दिया. उनकी जगह बीजेपी ने उसी  राजभूषण निषाद को अपना उम्मीदवार बना दिया जिसे उन्होंने 63.03% वोटों से हराया था.फिर क्या था वो कांग्रेस में शामिल हो गये.अब कांग्रेस के टिकेट पर ताल ठोकते नजर आयेगें.60 प्रतिशत से अधिक वोट पाने वाली शिवहर सांसद रमा देवी भी बेटिकट हो गई हैं. उनकी सीट गठबंधन के साथ जदयू को मिल गई है, जहां से लवली आनंद को टिकट दिया गया है.

 

सबसे कम वोट प्रतिशत पाकर जीत दर्ज करने वाली सीट किशनगंज रही. यहां मुकाबला त्रिकोणीय रहा नतीजा कांग्रेस के उम्मीदवार मो. जावेद ने 33.32 प्रतिशत वोट पाकर ही जीत दर्ज कर ली.जेडीयू  के सैयद मोहम्मद अशरफ 30 प्रतिशत वोट के साथ दूसरे जबकि ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के अख्तरुल इमाम 26.8 प्रतिशत मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.वाल्मीकिनगर की सीट रही जहां से जेडीयू  के सुनील कुमार ने 38 प्रतिशत मत पाकर विजय हासिल की. दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार प्रवेश कुमार मिश्रा को 35.95 प्रतिशत वोट मिले थे.कम वोटों से जीतनेवाले सांसद अपनी सीट बचाने में तो कामयाब हो गये लेकिन ज्यादा वोटों से जीतनेवाले बीजेपी के दो सांसद अपनी सीट गवां बैठे.कम वोटों से जीतनेवाले सासाराम के सांसद छेदी पासवान और बक्सर के सांसद अश्वनी चौबे भी अपनी सीट नहीं बचा पाये.बीजेपी ने उनके चेले पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी को उम्मीदवार बना दिया तो उनका दर्द छलक उठा.

 

वीओ 4: जिस तरह से बीजेपी ने रिकॉर्ड वोटों से जीतनेवाले अपने सांसदों का टिकेट काट दिया है उससे साफ़ है कि बीजेपी ये मानती है कि ये वोट उसके प्रत्याशियों के नहीं बल्कि पीएम मोदी के हैं.वो जिसे चाहे जब चाहे पैदल कर सकती है और जिसे चाहे संसद भेंज सकती है.इसबार भी ज्यादातर सीटों पर प्रत्याशी से लोग नाराज हैं लेकिन पीएम मोदी के नाम पर वोट करने की बात कर रहे हैं.

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.