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के.के. पाठक के बहाने RJD-JDU में छिड़ा घमाशान.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को लेकर RJD और JDU आमने सामने है.शिक्षा मंत्री  चंद्रशेखर अपने ही विभाग के आईएएस अधिकारी केके पाठक के खिलाफ  मोर्चा खोल चुके हैं. शिक्षा मंत्री ने केके पाठक कि ‘अति सक्रियता’ को लेकर पीत पत्र भेज दिया है और मीडिया से दूरी बनाने को कहा है. हालांकि, इसको लेकर अब महागठबंधन की सरकार में ही दो फाड़ होता दिख रहा है.RJD ने पाठक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है वहीं JDU पाठक के साथ खड़ा नजर आ रहा है.

 

हाल ही में केके पाठक ने शिक्षा विभाग में कार्यभार संभाला है. इसके बाद से ही लगातार एक्शन में दिख रहे केके पाठक पर शिक्षा मंत्री खफा हैं. जबकि जदयू केके पाठक के तेवर का समर्थन कर रहा है. बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने केके पाठक के काम करने की शैली की तारीफ करते हुए कहा कि केके पाठक एक ईमानदार और नियम संगत और कानून से चलने वाले अधिकारी हैं. काम करने वाले अधिकारी हैं. जिन्हें उनकी शैली पसंद है उन्हें वो पसंद आते हैं, जिन्हें ये पसंद नहीं है वो उन्हें नापसंद करते हैं.

केके पाठक पर राजद हमलावर है. राजद विधायक भाई विरेंद्र ने आरोप लगाया कि केके पाठक लगातार शिक्षा मंत्री और सरकार की फजीहत करते हैं. भाई विरेंद्र ने कहा कि नीतीश कुमार जी को खुद संज्ञान लेकर केके पाठक को कान पकड़ कर बाहर निकालना चाहिए. अपनी मनमर्जी का काम केके पाठक करते हैं. इनको क्या चाहिए हमको पता है. इसका बाद में खुलासा होगा. यहां यह भी बता दें कि केके पाठक उन अधिकारियों में माने जाते हैं जो सीएम नीतीश कुमार के भरोसेमंद हैं.

JDU-RJD के बीच एक अधिकारी को लेकर  शुरू हुई आरपार की लड़ाई  के बीच विपक्ष भी कूद चूका है..शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के पीत पत्र पर बीजेपी प्रवक्ता मनीष पांडेय ने पीत पत्र जारी करने की वजह बताते हुए कहा कि जून महीने में मंत्री ने क्यों नहीं जारी किया पत्र? ऐसा इसलिए क्योंकि जून महीने में तबादले का खेल होता है. जब मंत्री अपनी चाल में जून में कामयाब नहीं हुए तो जुलाई में पत्र जारी करते हैं. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता ने सीएम नीतीश पर भी हमला करते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री आपके स्वभाव, विचार और सुशासन को लगातार दे रहे हैं चुनौती फिर ऐसी क्या मजबूरी है कि 10 महीने से मंत्री पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.

शिक्षा मंत्री के कार्यशैली पर जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने  सवाल खड़ा किया है. हम नेता संतोष सुमन ने कहा कि शिक्षा मंत्री से अपना विभाग नहीं संभल रहा है. शिक्षा की जगह अन्य बातों पर ज्यादा ध्यान रहता है, सीएम नीतीश कुमार शिक्षा मंत्री को तत्काल बर्खास्त करें और किसी अन्य को शिक्षा मंत्री बनाएं. संतोष सुमन ने दावा किया कि बिहार महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. राजद की ओर से सीएम पद के लिए नीतीश कुमार पर प्रेशर दिया जा रहा है. 15 दिनो में बिहार में बड़ा खेल हो सकता है क्योंकि राजद के पास संख्या बल है और कुछ की जरूरत है.

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