सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस तरह इंडिया गठबंधन में शामिल भाकपा की पटना में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए गठबंधन में कोई काम नहीं होने को लेकर कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ा उससे इस बात की पुष्टि हो गई है किगठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.हाल के दिनों में नीतीश कुमार अपने ही सहयोगी दल आरजेडी को भी विकास के मुद्दे पर कईबार आईना दिखा चुके हैं. माना यह भी जा रहा है, नीतीश कांग्रेस और आरजेडी के रवैए से नाराज हैं. नीतीश को इसका साफ संकेत मिल चुका है कि कांग्रेस जिस तरह आरजेडी के साथ मजबूती और विश्वास के साथ खड़ी है, उतनी जेडीयू पर विश्वास नहीं कर रही है. ऐसे में नीतीश आशंकित भी हैं.
विपक्षी दल के गठबंधन की पहली बैठक जब पटना में हुई थी, तब जिस तरह नीतीश कुमार के संयोजक बनने की चर्चा हुई थी, उसके बाद के बैठकों में इस चर्चा पर न केवल विराम लग गया बल्कि गठबंधन के ड्राइविंग सीट पर कांग्रेस बैठती नजर आई.कई मौकों पर नीतीश कुमार कह चुके हैं कि कांग्रेस के बिना विपक्षी गठबंधन की कल्पना नहीं की जा सकती. माना यह भी जाता है कि नीतीश के कारण ही कांग्रेस से नाराज दल भी इस गठबंधन में साथ आए थे. लेकिन समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने अब कांग्रेस से सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जाहिर कर दी. माना जा रहा है कि सीट बंटवारे की जल्द चर्चा नहीं होने को लेकर नीतीश कुमार कांग्रेस से नाराज हैं.
दिल्ली, बंगाल केरल,और यूपी में इंडिया के घटक दलों को कांग्रेस के खतरनाक रवैये से असहज होना स्वभाविक है.क्षेत्रीय दल अपनी मजबूत सियासी जमीन पर कांग्रेस को ज्यादा स्पेस देने से हिचकिचा रहे हैं. सभी क्षेत्रीय दल सीटों के बंटवारे को लेकर जल्द बातचीत शुरू करना चाहते हैं. कहा जा रहा है कि इंडिया गठबंधन में जल्द सबकुछ ठीक नहीं हुआ तो नीतीश कुमार अन्य विकल्प की तलाश में जुट सकते हैं. नीतीश की कांग्रेस से नाराजगी सार्वजनिक तौर पर व्यक्त करने के बाद राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर नीतीश कुमार से मुलाकात की है.
सीताराम येचुरी ने साफ़ कर दिया है कि किसी भी कीमत पर पश्चिम बंगाल में टीएमसी के साथ समझौता नहीं होगा. अखिलेश यादव कांग्रेस से पहले से ही नाराज चल रहे हैं.वो कह चुके हैं कि विधान सभा चुनाव में गठबंधन नहीं तो लोक सभा में कैसे हो सकता है? अरविन्द केजरीवाल से कांग्रेस की अदावत किसी से छुपी नहीं है.अरविन्द केजरीवाल कांग्रेस को ही रिप्लेस कर दिल्ली और हरियाणा में सरकार बनाने में कामयाब हुए हैं.ऐसे में नीतीश कुमार के नाराज हो जाने से इंडिया गठबंधन खतरे में पड़ गया है.