23 जून को है नीतीश कुमार की अग्नि परीक्षा .
अगर नीतीश कुमार सफल हुए तो बदल जाएगी देश की सियासत, बढ़ जायेगी बीजेपी की चुनौती..
सिटी पोस्ट लाइव : 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में होनेवाली विपक्षी एकता की बैठक देश की सियासत बदल सकती है. पटना में होने वाली बीजेपी विरोधियों की बड़ी बैठक पर सबकी नजर टिकी हुई है.23 जून की बैठक में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी की भूमिका में रहेगी जिसके ऊपर इस बात का दबाव रहेगा कि वो रीजनल पार्टियों को लेकर क्या रुख दिखाती है.देश के कुछ प्रमुख राजनीतिक दलों ने जिस तरह से बैठक के पहले कांग्रेस को लेकर बयान दिया है उससे कांग्रेस के लिए बैठक में सब कुछ सहज नहीं रहने वाला है.
अगर क्षेत्रीय पार्टियाँ इस बात पर अड़ी रहीं कि रीजनल पार्टियां जहां मजबूत हैं वहां कांग्रेस ज़्यादा हाथ पैर ना मारे तो कांग्रेस की मुश्किल बढ़ जायेगी.बैठक में सबसे बड़ी भूमिका नीतीश कुमार की रहने वाली है.कांग्रेस और रीजनल पार्टियों के बीच तालमेल बिठाने में वो अहम् भूमिका निभा सकते हैं.नीतीश कुमार को भी पता है कि इतने बड़े नेताओं को दुबारा एक साथ बिठाना वो भी पटना में आसान नहीं होगा. ऐसे में अगर इस बैठक में कुछ बात नहीं बनी तो आगे का रास्ता बेहद कठिन हो जाएगा.
शरद पवार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बैठक के पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद तय होगा कि प्रधानमंत्री कौन होगा, इस बैठक में प्रधानमंत्री का उम्मीदवार कौन होगा इसकी घोषणा नहीं होने वाली है, लेकिन यही वो बात है जिसने बीजेपी को बैठक को लेकर हमला बोलने का बड़ा मौका दे दिया है.
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