पप्पू यादव अभीतक नहीं हैं कांग्रेस पार्टी के सदस्य.

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सिटी पोस्ट लाइव : राजनीति में कोई अपना और पराया नहीं होता.हर राजनीतिक दल ताकतवर के साथ ही दोस्ती निभाता है. भावना में बहकर जो राजनीती करेगा उसका वहीँ हाल होगा जो पप्पू यादव का हुआ.पप्पू यादव की इस समय पूरे बिहार में चर्चा हो रही है. महज 15 दिन पहले पप्पू ने कांग्रेस में अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय किया था, लेकिन अब पप्पू ने अपनी राह कहीं ना कहीं कांग्रेस से अलग कर ली है.

ऐसे में सियासी गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस पप्पू यादव पर एक्शन ले सकती है? तो इसका जवाब है ‘नहीं’.दरअसल, 20 मार्च को अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने वाले पप्पू यादव ने खुद आधिकारिक रूप से कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली है.वास्तविकता यह है कि पप्पू ने अभी नियमानुसार कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता नहीं ली है. अपेक्षा व आवश्यकतानुसार आलाकमान को प्रदेश कांग्रेस की ओर से सूचनाएं दी जाती हैं. सूचनाएं आज भी साझा हो रहीं. प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व का जैसा निर्देश होगा, वैसी पहल होगी.

लेकिन इतना तो तय है कि पप्पू यादव चुनाव मैदान में होगें तो लालू यादव कांग्रेस पर पार्टी से निष्काशन का आधिकारिक घोषणा करने का दबाव बनायेगें.लालू यादव ये पक्का कर लेगें कि पप्पू यादव को आगे फिर से कभी कांग्रेस पार्टी में जगह नहीं मिले.पप्पू यादव का दावा है कि खुद प्रियंका गांधी ने उन्हें फोन कर बुलाया.अगर ये सच भी है तो क्या फर्क पड़ता है.सच्चाई ये है कि कांग्रेस पार्टी बिहार में लालू यादव के मर्जी के खिलाफ पप्पू यादव का साथ नहीं दे सकती.

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