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बिहार की 20 लोकसभा सीटों पर BJP का विशेष जोर.

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सिटी पोस्ट लाइव : एनडीए टूटने के बाद बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का सबसे अधिक ध्यान बिहार के 11 सीट नवादा, वैशाली, वाल्मीकि नगर, किशनगंज, सुपौल, मुंगेर, झंझारपुर, गया, कटिहार, पूर्णिया और बक्सर पर है. बांका, सीवान, नालंदा, जहानाबाद, काराकाट, सीतामढ़ी सहित 10 अन्य सीटों पर भी नई रणनीति के तहत काम किया जा रहा है.बीजेपी ने लोकसभा 2024 के चुनाव में 400 सीट पर जीत हासिल करने का लक्ष्य तय किया है.

बीजेपी 400 में से 160 सीटों को कमजोर मानकर विशेष तैयारी कर रही है. इन सीटों पर जीत के लिए रणनीति तैयार करने के लिए केंद्रीय स्तर पर सितंबर 2022 से जनवरी 2023 तक 13 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं. जिन 160 सीटों को बीजेपी कमजोर मान रही है उसे जिताने की जिम्मेदारी गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के जिम्मे है.अमित शाह और जेपी नड्डा के बीच 80-80 सीटों को बंटवारा हुआ है. बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, यूपी, उत्तराखंड, एमपी, छत्तीसगढ़ सहित मैदानी हिस्से में मुख्य रूप से अमित शाह प्रचार करेंगे. जबकि, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र सहित अन्य हिस्सा जेपी नड्डा के जिम्मे हैं. चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की भी जनसभा का आयोजन किया जाएगा.

गौरतलब है कि 2019 के चुनाव में भाजपा और जदयू के गठबंधन ने 39 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसमें 17 सीटों पर भाजपा, 16 सीटों पर जदयू और 6 सीटों पर लोजपा ने जीत हासिल की थी. जबकि किशनगंज से कांग्रेस के डॉ. मुहम्मद जावेद ने जीत हासिल की थी.2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी भाजपा सितंबर 2022 से ही शुरू कर दी है. 2019 के लोकसभा में भाजपा और सहयोगी दलों ने 303 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार टारगेट 400 सीटों का है. इसको लेकर भाजपा लगातार बैठक कर रही है. प्रशिक्षण कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है. सबसे पहले बिहार में 21 दिसंबर को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

देश के उत्तरी हिस्से में स्थित यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू काश्मीर, उत्तरखंड, हिमाचल प्रदेश, असम, मध्य प्रदेश सहित 19 राज्यों से बिहार के सात घटकों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी शामिल हुए थे. जबकि हैदराबाद में 28 और 29 दिसंबर को 12 राज्यों का दूसरा प्रशिक्षण कार्यक्रम चला.2022 फरवरी तक भाजपा 144 सीटों को कमजोर मान रही थी. लेकिन बिहार, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में बदलते समीकरण की वजह से 160 सीट चिह्नित किए गए हैं. इसमें बिहार के 10 सीट नवादा, वैशाली, वाल्मीकि नगर, किशनगंज, सुपौल, मुंगेर, झंझारपुर, गया, कटिहार, पूर्णिया और बक्सर को भी मुश्किल माना जा रहा है.

उत्तर प्रदेश के 14 सीट को कमजोर माना गया है. झारखंड में तीन सीट राजमहल, गिरिडीह, सिंहभूमि, प. बंगाल में 24 सीट, पंजाब में नौ सीटों पर भाजपा ने विशेष रणनीति बनाई है. प. बंगाल में छह केंद्रीय मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है.

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