City Post Live
NEWS 24x7

नीतीश की तैयारी से क्यों उड़ी है लालू यादव की नींद?

विपक्ष की दूसरी बैठक से पहले कुछ बड़े उलटफेर की तैयारी को लेकर शुरू हो चुकी है बिहार में चर्चा.

-sponsored-

-sponsored-

- Sponsored -

 

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले तीन  दिन से  अपने विधायकों, सांसदों, पार्षदों और राज्यसभा सदस्यों से मुलाकात कर रहे हैं.  तमाम विधायकों और सांसदों को वे अपने पटना स्थित आवास एक अणे मार्ग पर बुलाकर मिल रहे हैं. रविवार को उनकी मुलाकात सांसदों से हो रही है. अपने सभी नेताओं से नीतीश कुमार वन टू वन मुलाकात कर रहे हैं. नीतीश कुमार के पास कुल 16 सांसद हैं. राज्यसभा में भी उनकी संख्या बल 5 की है.

 

 नीतीश कुमार की इस मुलाकात से  राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है  ऐसा इसलिए क्योंकि जब-जब नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में भूचाल लाते हैं, तब-तब ऐसी बैठकें करते हैं. माना जा रहा है बिहार में फिर से कुछ पलटने वाला है.विपक्षी एकता की जो बैठक शिमला में 12 जुलाई को होनी थी, वह आगे बढ़ चुकी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही चुनाव की तैयारी में है. इस तैयारी में वह अपने तमाम विधायकों सांसदों और पार्षदों से मिलकर जेडीयू की स्थिति का आकलन कर रहे हैं. साथ ही साथ उपेंद्र कुशवाहा के उस बयान जिसमें उन्होंने यह कहा था कि नीतीश कुमार की पार्टी के विधायक और सांसद बीजेपी और उनके संपर्क में हैं उसकी हकीकत भी नापने की कोशिश कर रहे हैं.

 

एक अनुमान के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में विधानसभा चुनाव का ऐलान कर सकते हैं. 2025 से पहले बिहार में विधानसभा चुनाव होने की अवधारणा को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बल देते नजर आए हैं. दरअसल, नीतीश ने एक बैठक के दौरान अपने इंजीनियर और अधिकारियों को जल्दी-जल्दी काम पूरा कराने का निर्देश दिया है. यह निर्देश देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव समय से पहले हो सकते हैं. उनके इस बयान से अंदाजा लगाया जा रहा है कि नीतीश कुमार 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव की घोषणा कर सकते हैं.

 

इधर बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर दिल्ली में है. माना जा रहा है कि उनकी मुलाकात बीजेपी के कुछ शीर्ष नेताओं से हो सकती है. इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात की थी. मुलाकात कर निकलते ही बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम को भी राज्यपाल से मिलने राजभवन जाते हुए देखा गया. ये पूर्व डिप्टी सीएम वही हैं जो लंबे समय तक राम-लक्ष्मण की तरह बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुए नजर आते थे. पूर्व डिप्टी सीएम ने राजभवन से निकलते वक्त पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए यह कहा- ‘नीतीश कुमार का राज्यपाल से मिलकर निकलना और मेरा मिलने जाना महज एक संयोग है.’ मगर राजनीति में कोई भी चीज संयोग नहीं होती.

 

दरअसल यह सवाल बिहार की राजनीतिक फिजाओं में विपक्षी एकता की बैठक के बाद से ही तैर रहा है. बिहार की राजनीति में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुर्सी छोड़ने के दबाव में हैं. इसलिए वह कोई अन्य रास्ता तलाशने की कोशिश कर रहे हैं. कहा जा रहा है, उन पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का दबाव है कि नीतीश, तेजस्वी यादव को जल्द से जल्द बिहार का मुख्यमंत्री बनाएं. राजनीतिक गलियारे में चर्चा इस बात की है कि लालू प्रसाद नीतीश कुमार को विपक्षी एकता के संयोजक के रूप में नीतीश कुमार का नाम बढ़ाना चाहते हैं. ताकि नीतीश कुमार को विपक्षी एकता का संयोजक बनाकर उन्हें केंद्र की राजनीति की तरफ भेजा जा सके. इसके बदले में नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को बिहार के मुख्यमंत्री का ताज पहनाया जा सके.

 

लालू यादव की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संयोजक प्रस्तावित करने के पीछे वैज्ञानिक मंशा यह है कि नीतीश जब विपक्षी एकता के संयोजक बनाए जाएंगे तो उनके लिए प्रधानमंत्री पद की दावेदारी सबसे मजबूत होगी. यदि नीतीश, राहुल बाबा को मनाने में सफल हुए तो नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जा सकते हैं.लेकिन नीतीश कुमार को  भी पता है कि प्रधानमंत्री पद की दावेदारी करके भी उन्हें केंद्रीय सत्ता हासिल होने वाली नहीं है. ऐसे में वह बिहार मुख्यमंत्री पद की कुर्सी भी गवा देंगे और प्रधानमंत्री भी नहीं बन पाएंगे. लिहाजा, नीतीश कुमार अब कुछ और ही खेला में लगे हैं.

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

- Sponsored -

Comments are closed.