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क्या बिहार में फिर से बदल जाएगी सरकार?

नीतीश कुमार की 'सीक्रेट मीटिंग' बिहार की सियासत पर पड़ेगी भारी,

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में जिस तेजी से सियासत बदल रही है उससे निकट भविष्य में बड़े सियासी उलटफेर के संकेत मिल रहे हैं. नीतीश कुमार का राज्यपाल से मिलना, फिर सुशील मोदी का राजभवन पहुँचाना, नीतीश कुमार का अपने विधायकों –सांसदों से वन टू वन मीटिंग  करना और उसके बाद  अपने सांसद ,पीएम मोदी के करीबी हरिवंश  सिंह से गुपचुप तरीके से नीतीश का मिलना बड़े सियासी उलटफेर का संकेत दे रहा है.सबके जेहन में कई सवाल उठने लगे हैं.क्या बिहार  में एक बार फिर  पलटीमार सियासत होगी? क्या बिहार में सरकार बदलने वाली है? अगले 72 घंटों में बिहार की सियासी हवा की दिशा बदल जाएगी? ये सवाल नीतीश कुमार की एक ‘सीक्रेट मीटिंग’ से उठ रहे हैं.

हालांकि ईन सवालों  का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है, लेकिन कयासों का बाजार गरम है. नीतीश कुमार और हरिवंश की मुलाकात सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है. चर्चा हो भी क्यों नहीं, सोमवार को ही लैंड फॉर जॉब्स केस में सीबीआई के नई चार्जशीट में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का भी नाम जुड़ा है. तब ही से कयासों का बाजार गरम है. हरिवंश नारायण सिंह बिहार सीएम नीतीश कुमार के विश्वास पात्रों में से एक हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी करीबी भी हैं. ऐसे में इस मुलाकात के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार ने अपना ट्रंप कार्ड खेल दिया है. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी तक संदेश पहुंचने के लिए ही हरिवंश नारायण सिंह को पटना बुलाया था.

बिहार की सियासत को समझने वालों का मानना है कि नीतीश कुमार आरजेडी के दबाव में हैं. उन पर तेजस्वी को मुख्यमंत्री जल्द बनाने का दबाव है. ऐसे में अब नीतीश कुमार ने हरिवंश को बुलाया .हरिवंश सिंह  मुलाक़ात के बाद सीधे दिल्ली रवाना हो गए.दोनों नेताओं की इस मुलाकात के राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं. सियासी पंडितों का मानना है कि नीतीश कुमार राजनीतिक रूप से काफी घिर चुके हैं. एक तरफ बीजेपी लगातार उन पर हमला बोल रही है. दूसरी ओर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद का राजनीतिक दबाव अलग. जेडीयू-आरजेडी के गठबंधन को भी वोटरों का एक बड़ा समूह स्वीकार नहीं कर रहा है. सबसे बडी बात ये है कि अब नीतीश की हनक भी सत्ता में कमजोर पड़ रही है. लिहाजा नीतीश कुमार एक सम्मानजनक एक्जिट तलाश रहे हैं. इस बात की चर्चा तेज है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से पलटने का मन बना रहे हैं.

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