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होटल में रात भर लगा बाबा का दिव्य दरबार.

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सिटी पोस्ट लाइव : मंगलवार को रात भर पनाश होटल में बाबा धीरेंद्र शास्त्री का दिव्य दरबार चला. होटल के बाहर शाम से ही लोग जुटने लगे थे. रात 10 बजे तक होटल के आसपास सैकड़ों लक्जरी गाड़ियाँ  थीं.होटल के बाहर  सड़क पर लोगों की भारी भीड़ जमा थी. होटल के गेट पर तो इतनी भीड़ थी कि वहां पैर रखना मुश्किल था.बाबा होटल के गेट पर थे और बाहर से लोग उनका दर्शन कर रहे थे. गेट के बाहर कोई बाइक पर खड़ा था तो कोई स्कूटी की सीट पर. बाबा की तरफ से सुरक्षा तो थी ही, लेकिन होटल ने भी अलग से बाउंसर लगाए थे.होटल की 6वीं और 8वीं मंजिल पर बाबा के दरबार की व्यवस्था की गई थी. गेट पर सुरक्षा को लेकर चौकसी थी, काफी जांच पड़ताल के बाद ही लोगों को अंदर एंट्री दी जा रही थी.

रात 12 बजकर 14 मिनट पर केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे अपने परिवार के साथ होटल पहुंचे. इस दौरान कुछ सामान्य लोगों को भी अंदर जाने की इजाजत दी गई. होटल में पहले से ही काफी भीड़ जमा थी. लॉबी से लेकर लिफ्ट तक श्रद्धालुओं से ठसाठस भरी थी. भीड़ इतनी कि लिफ्ट भी लोड नहीं ले रही थी.काफी धक्का मुक्की के बीच दो बार लिफ्ट ऊपर गई, लेकिन लोड के कारण फेल हो गई. होटल प्रबंधन ने सामान्य लोगों को सीढ़ी से 8 वीं मंजिल पर भेज दिया, जबकि वीआईपी लोगों के लिए 6वीं मंजिल पर दिव्य दरबार लगाया गया. भीड़ ऐसी थी कि सीढ़ी पर भी लोगों को काफी दौड़ लगानी पड़ी.

होटल की 8वीं मंजिल पर  एक बडे़ हॉल में छोटा सा स्टेज बना था, जिस पर एक सोफा लगा था. स्टेज के ठीक सामने कालीन पर श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की गई थी. बाबा ने पहले कथा और श्रद्धालुओं की श्रद्धा के बारे में बताया.वह बिहार के लोगों की श्रद्धा से काफी गदगद हुए और कहा कि बिहार से उन्हें लगाव हो गया है. श्रद्धा से भगवान भी झुक जाते हैं, ऐसे ही वह बिहार के लोगों की श्रद्धा से काफी प्रसन्न हैं. बाबा ने इसके बाद लोगों से कहां कि वह बाबा बागेश्वर धाम को अपना लें और अपनी सारी विपत्ति और संकट को उन्हें सौंप दें. इससे जीवन में बड़ा बदलाव होगा.

बाबा ने श्रद्धालुओं की 2 मिनट की अर्जी लगवाई और कहा कि अब उनके सभी संकट बागेश्वर बाबा के जिम्मे है. अब जीवन मे आने वाली समस्या का अंत होगा और जिंदगी से सभी बलाएं टल जाएंगी. इस दौरान बाबा ने श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ति के लिए भी उपाय कराया और दो माह के अंदर बागेश्वर धाम आने को कहा.बाबा के जाने के बाद पूजा स्थान की तरह लोग सोफे पर मत्था टेक रहे थे, साथ ही मनोकामनाएं भी मांग रहे थे. कई ऐसे बीमार बच्चे भी थे जो शारीरिक रूप से काफी कमजोर थे, उनके परिवार वालों ने बच्चों के स्वस्थ्य होने की कामना के साथ सोफे पर लिटा दिया और सामने से प्रार्थना करने लगे.

बाबा के जाने के बाद भी 8वीं मंजिल के हॉल से लोग नहीं हट रहे थे. श्रद्धालुओं को आस थी कि बाबा फिर आएंगे और उन्हें आशीर्वाद देंगे. हॉल में लोग रात ढाई बजे तक बैठे रहे, वह बाबा को फिर देखना चाहते थे. बाद में होटल प्रबंधन ने लोगों को पुलिस की मदद से बाहर निकाला. महिलाएं तो होटल से बाहर जाने को तैयार ही नहीं थीं, होटल प्रबंधन ने पहले फैन और लाइट ऑफ कराई. इसके बाद पुलिस से श्रद्धालुओं को होटल से बाहर करा दिया.

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