सिटी पोस्ट लाइव : 10 नवंबर को धनतेरस का त्योहार है. इस दिन लोग भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं .अपने घरों के लिए नया सामान खरीदते हैं. इस दिन धनतेरस के दिन यमराज को दीप दान करने से अकाल मृत्यु का नाश हो जाता है.स्कंद पुराण के अनुसार कार्तिक पक्ष के त्रयोदशी के प्रदोष काल में यमराज के निमित्त दीप और नैवेद्य समर्पित करने पर अकाल मृत्यु का नाश होता है.
पांच दिवसीय दीपावली का पहला दिन धन त्रयोदशी से आरंभ होता है . इसी दिन यमराज को दीपदान भी किया जाता है. पूरे साल में बस एकमात्र यही दिन है जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा दीप दान करके की जाती है. हालांकि कुछ लोग नरक चतुर्दशी यानी छोटी दीपावली के दिन भी दीपदान करते हैं.कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को घर के बाहर यमराज के लिए दीपदान देना चाहिए, इससे मृत्यु का नाश होता है.
इस दिन गोबर का दीया बनाकर उसमें सरसों का तेल डाल दें तथा उसे घर में ही जला लें . उसे घर से बाहर दूर ले जाकर किसी नाली या कूड़े के ढेर के पास दक्षिण की दिशा में मुख करके रख दें. इसके बाद जल भी चढ़ाना चाहिए. यह काम सूरज डूबने के बाद ही किया जाता है. परिवार के सभी सदस्यों के घर आ जाने और खाने-पीने के बाद सोने से ठीक पहले किया जाता है. ऐसा करने से प्रेत बाधा का भी नाश होता है तथा लोगों के ऊपर से अल्प मृत्यु का संकट समाप्त हो जाता है. यह भी कहा जाता है कि ऐसा करने से शत्रुओं का भी नाश होता है.