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नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली के विरोध में शिक्षकों का प्रदर्शन.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावाली-2023 के खिलाफ शिक्षक सड़क पर उतर चुके हैं. सबसे ख़ास बात ये है कि शिक्षकों का नेत्रित्व शिक्षा मंत्री के चाचा परमेश्वरी प्रसाद यादव कर रहे हैं.परमेश्वरी प्रसाद यादव के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में शिक्षक सड़क पर उतरे. इस दौरान शिक्षा मंत्री और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. परमेश्वरी प्रसाद यादव ने नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को काला कानून बताते हुए कहा कि इसके खिलाफ मरते दम तक आंदोलन करेंगे.

परमेश्वरी प्रसाद यादव शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के वहीँ चाचा हैं जिन्होंने रामचरित मानस विवाद के समय अपने भतीजे शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर का बचाव किया था. उन्होंने कहा था कि जिसने शिक्षा मंत्री की जुबान काटकर लाने पर 10 करोड़ इनाम का ऐलान किया है, उसकी गर्दन काटकर लाने वाले को 20 करोड़ हम देंगे.परमेश्वरी प्रसाद यादव ने कहा कि शिक्षक नियुक्ति नियमवाली-2023 हमारे लिए काला कानून है. नई नियमावली के जरिए हमें पहले से मिल रही सुविधाओं में कटौती की गई है. उन्होंने कहा कि बिना परीक्षा लिए राज्यकर्मी का दर्जा दें। समान काम के लिए समान वेतन लागू करें. ट्रांसफर नीति पूरे राज्य में लागू हो. पिछले 15-16 सालों में ट्रांसफर नीति लागू नहीं हो सका. इसकी वजह से न जाने कितने शिक्षक-शिक्षिकाओं का परिवार उजड़ गया.

परमेश्वरी प्रसाद यादव ने कहा कि मजदूर दिवस से आंदोलन शुरू हुआ है और हमारा यह कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से चलेगा. प्रमंडल स्तर पर आंदोलन करेंगे. इसके बाद विधानसभा का घेराव करेंगे। हम सभी शिक्षक अपनी जान दे देंगे, लेकिन यह कानून लागू नहीं होने देंगे.शिक्षा मंत्री को रामायण, राम और भगवती का उपासक बताते हुए उन्होंने कहा था कि पूरे देश में नागपुर स्कूल के छात्रों ने हमारे लोकप्रिय शिक्षा मंत्री के खिलाफ असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया. हमारे शिक्षा मंत्री ने रामचरित मानस की उन चौपाइयों का विरोध किया, जिनसे सामाजिक असमानता फैलती है इसलिए हमने आज मनुस्मृति का दहन किया है.

बिहार सरकार ने सातवें चरण के शिक्षक नियोजन के लिए नई नियमावली को अप्रैल माह में मंजूरी दी है. शिक्षकों की नियुक्ति BPSC के माध्यम से होगी, जो राज्यस्तरीय परीक्षा लेगी. सीटीईटी, एसटीईटी और टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी परीक्षा में अधिकतम 3 बार बैठ सकेंगे. बहाल शिक्षक सरकारी कर्मी कहलाएंगे. इन्हें सरकारी कर्मियों की तरह अनुकंपा लाभ भी मिलेगा.राज्य में पहले से नियोजित 4 लाख शिक्षक भी इस प्रक्रिया से राज्यकर्मी के इस नए संवर्ग में नियुक्त हो सकेंगे. इसके लिए उन्हें आयु सीमा में 10 वर्ष तक की छूट दी गई है. परीक्षा में पास होने वाले पुराने नियोजित शिक्षकों का वेतन निर्धारण उनकी वरीयता के आधार पर तय किया जाएगा.

लेकिन सरकार के इस फैसले का राज्य के 4 लाख नियोजित शिक्षक विरोध कर रहे हैं .सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर शिक्षक संगठनों के बैनर तले हजारों शिक्षक जिला मुख्यालयों में नियमावली के विरोध में आक्रोश मार्च निकाला. इस दौरान शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मार्च में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ, बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ, बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ आदि संगठन आंदोलन में शामिल हैं.

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