जेल के सेल नंबर 1 में कटी हेमंत सोरेन की रात?

सिटी पोस्ट लाइव :  राजनीति में कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता.राजनीति किसी को भी पल भर में अर्स से फर्श और फारस से अर्स तक पहुंचाने की ताकत रखती है.पिछले  24 घंटे के भीतर झारखंड की राजनीतिक तस्वीर बदल गई है. बुधवार शाम तक जिस हेमंत सोरेन के ईशारे पर झारखण्ड चलता था वो अब एक सामान्य विधायक बन कर रह गए हैं.

एंकर: अब हेमंत सोरेन के नाम के आगे मुख्यमंत्री की जगह पूर्व मुख्यमंत्री शब्द लग गया है. एक बड़े राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखने वाले और झारखंड में गुरुजी के नाम से मशहूर शिबू सोरेन के द्वितीय पुत्र हेमंत सोरेन के लिए 1 फरवरी की रात कयामत भरी रात रही. पहली बार हुआ  उन्हें जेल में रात गुजारनी पडी. वो अभी न्यायिक हिरासत में हैं. हेमंत सोरेन की रात होटवार के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अपर डिविजन सेल में कटी. अपर डिविजन की सेल नंबर 01 हेमंत सोरेन वीवीआईपी आरोपियों और कैदियों के लिए अलॉट किया जाता है. इस सेल में अटैच बाथरूम किचन और अर्दली की व्यवस्था होती है.

जैसे ही जेल प्रशासन को यह सूचना मिली कि हेमंत सोरेन को ज्यूडिशल कस्टडी में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेजा जा रहा है. वैसे ही उनके लिए अपर डिवीजन के सेल नंबर एक को अलॉट किया गया. गुरुवार देर शाम हेमंत सोरेन के जेल पहुंचने के बाद आवश्यक कागजी कार्रवाई कर उन्हें सेल नंबर एक में शिफ्ट कर दिया गया. हेमंत सोरेन को जो सेल अलॉट हुआ, उसमें अटैच बाथरूम और किचन मौजूद है. अपर डिवीजन के सेल नंबर एक को वीआईपी कैदियों को रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. हेमंत सोरेन को सेल में एक अर्दली भी उपलब्ध करवाया गया. इसी सेल में हेमंत सोरेन ने रात बिताई.

जेल सूत्रों के अनुसार हेमंत सोरेन रात 12 बजे तक थोडा परेशान दिखे लेकिन फिर सो गए.सुबह 4 बजे ही उठ गए.सुबह सुबह गर्म पानी पीने के बाद ग्रीन टी लिया फिर अखबार पढने लगे.जेल सूत्रों के अनुसार सुबह हेमंत सोरेन शांत नजार आये.मुस्कुराते हुए नजर आये.आज हेमंत सोरेन के रिमांड पर कोर्ट का फैसला आने वाला है. ईडी की विशेष अदालत में पेश कर 10 दिन की रिमांड मांगी थी. लेकिन कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब आज 2 फरवरी को साफ हो पाएगा कि कोर्ट कितने दिन का रिमांड देती है. ईडी की  इस कार्रवाई के खिलाफ हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल हुई है. आज सुनवाई होनी है.सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी है.