बिहार में शिक्षा विभाग की नई नियमावली तैयार.

सभी शिक्षकों को मिलेगा ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में स्कूली शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया इसी साल पूरी कर लेने का ऐलान शिक्षा मंत्री ने किया है.शिक्षा मंत्री के अनुसार कॉलेजों में भी शिक्षकों के खाली पद भरे जाएंगे. सत्र भी नियमित किया जा रहा है. विधान परिषद में शिक्षा विभाग से जुड़े अल्पसूचित एवं तारांकित प्रश्नों का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने सदन को ये जानकारी दी है.बीजेपी सदस्य डा प्रमोद कुमार के प्रश्न के जवाब में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि अब सभी कोटि के शिक्षकों को ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ मिलेगा. नई नियमावली बन गई है.

मंत्री ने बताया कि वर्तमान में स्थानांतरण के लिए सॉफ्टवेयर के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है।.सॉफ्टवेयर ट्रायल के बाद स्थानांतरण की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी. भाजपा की निवेदिता सिंह के ध्यानाकर्षण पर शिक्षा मंत्री ने बताया कि सभी जिलों में अपीलीय प्राधिकार का गठन कर दिया गया है.इस समय नियोजित शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया चल रही है. बहाली में पारदर्शिता रखने के लिए अपीलीय प्राधिकार के गठन की आवश्यकता है.

शिक्षा विभाग ने 31 जनवरी को प्राधिकार के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है. इसके तहत बिहार न्यायिक सेवा के 33 व बिहार प्रशासनिक सेवा और बिहार शिक्षा सेवा के 35 रिटायर अधिकारियों को जिला अपीलीय प्राधिकार के पीठासीन पदाधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है.महेश्वर सिंह के प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा कि 933 स्कूल ऐसे हैं, जिनकी भूमि हैं; मगर भवन नहीं. क्रमानुसार इनके निर्माण का काम चलेगा.

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र नियमित करने का प्रयास जारी है और इसमें सफलता भी मिल रही है.सबसे लेटलतीफ मगध विश्वविद्यालय का सत्र था, लेकिन वहां कई परीक्षाओं का परिणाम निकाला गया है. इसी तरह अन्य विश्वविद्यालयों में भी सत्र नियमित करने पर काम हो रहा है.सत्र नियमित करने को लेकर उच्चतर शिक्षा परिषद की ओर से उच्चस्तरीय कमेटी भी बनाई गई थी, जिसकी रिपोर्ट आ गई है.

मंत्री ने बताया कि कॉलेज में नियुक्ति की प्रक्रिया भी चल रही है.विश्वविद्यालय सेवा आयोग को 4638 पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना की गई है.इसमें से 26 विषयों में 461 पदों पर आयोग द्वारा चयन की प्रक्रिया पूरी करते हुए अनुशंसा शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराई गई थी.इन्हें सभी संबंधित विश्वविद्यालयों को भेजा जा चुका है. कोर्ट द्वारा लगाई रोक के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने बताया कि सरकार ने उच्च स्तर पर समीक्षा की है. जल्द ही बाधा दूर होगी.

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