डेंगू से निपटने के लिए कितनी तैयार है राजधानी?

सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में डेंगू का संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है. आंकड़ा तीन हजार से ज्यादा हो चूका है.  पटना डीएम डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने सिविल सर्जन, अनुमंडल व जिले के अन्य पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में कहा कि अन्य राज्यों में भी डेंगू का प्रकोप है. पर्व में बड़ी संख्या में लोग घर लौटेंगे. ऐसे में अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है.उन्होंने कहा कि डेंगू की रोकथाम और मरीजों के बेहतर उपचार (Patna Dengue prevention) के लिए संपूर्ण प्रशासनिक तंत्र तत्पर है. जिले में अभी डेंगू मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत नहीं पड़ रही है.

 

, यदि किसी डेंगू मरीज को अस्पताल में बेड उपलब्धता, एंबुलेंस, खून या प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ती है, तो आमजन 0612-2951964 पर फोन कर जानकारी व मदद प्राप्त कर सकते हैं. यह डेंगू नियंत्रण कक्ष सातों दिन 24 घंटे काम करता है.अधिकारियों को उन्होंने निर्देश दिया कि डेंगू नियंत्रण के लिए हॉटस्पाट पर विशेष नजर रखें और त्वरित कार्रवाई करें. संदिग्ध मरीजों की निगरानी सुनिश्चित कर उनकी एलाइजा जांच करा पुष्टि कराएं. डेंगू मरीज के घरों के आसपास आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से निगरानी करा नए रोगियों की पहचान करें.

 

डीएम ने डेंगू की पुष्टि होते ही मरीज के घर के 500 मीटर के दायरे में टेक्निकल मैलाथियान की फागिंग व टेमीफास का छिड़काव कराने का निर्देश दिया है  ताकि नए रोगी नहीं बढें.जरूरत के अनुसार, बेड बढ़ाएं और अस्पतालों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता हमेशा सुनिश्चित रखने का निर्देश भी दिया है. डेंगू संक्रमित एडीज इजिप्ट मादा मच्छर अबतक राजधानी के 145 मोहल्लों को अपनी चपेट में ले चुकी है. इनमें से सबसे खराब हाल पाटलिपुत्र अंचल के हैं. इसके 48 मोहल्लों में अबतक 1267 डेंगू संक्रमित मिल चुके हैं. दूसरे नंबर पर बांकीपुर अंचल है, जहां 34 मोहल्लों में अबतक डेंगू के 521 मरीज मिल चुके हैं.

 

गत दस दिनों से नूतन राजधानी अंचल में डेंगू का संक्रमण बहुत बढ़ा है. इसके 21 मोहल्लों में अबतक 462 मरीज मिल चुके हैं.इसके अलावा, पटनासिटी के चार मोहल्लों में 37, अजीमाबाद के 19 मोहल्लों में 190 और कंकड़बाग के 19 मोहल्लों में 448 संक्रमित मिल चुके हैं. 280 ऐसे मरीज हैं, जिन्होंने न तो अपना सही पता दिया और न ही मोबाइल नंबर. प्रखंडों में दानापुर और फुलवारीशरीफ में सबसे अधिक डेंगू के मरीज मिले हैं.

 

डेंगू के लिए पीएमसीएच में 42, एनएमसीएच में 40 और गुरु गोविंद सिंह अस्पताल 10 बेड डेंगू के लिए आरक्षित हैं. इसके अलावा सभी अनुमंडल अस्पतालों में पांच-पांच और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दो-दो बेड बेड सुरक्षित किए गए हैं। हर बेड मच्छरदानीयुक्त है.प्रत्येक प्रखंड और सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रैपिड टेस्ट किट से डेंगू स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध है. हर अस्पताल में रैपिड रिस्पांस टीम सक्रिय है. नगर निकायों को अर्द्धनिर्मित, खाली सरकारी व निजी प्लाट पर भी लार्वासाइड्ल का छिड़काव कराया जा रहा है.

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