कोरोना-फ्लू की आड़ में हो रही टीबी की गंभीर बीमारी.

खांसी, बुखार वायरल और कोरोना के ही लक्षण नहीं हैं बल्कि ये टीबी के लक्षण भी हो सकते हैं. खांसी, बुखार वायरल और कोरोना के ही लक्षण नहीं हैं बल्कि ये टीबी के लक्षण भी हो सकते हैं.
Coronavirus-Flu-TB
सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना का संक्रमण एकबार फिर से बढ़ना शुरू हो गया है. पिछले कुछ समय से इन्‍फ्लूएंजा फ्लू वायरस और वायरल संक्रमण भी तेजी से फैला है. वायरस की वजह से फैलने के चलते इन सभी रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारियों के लक्षण भी लगभग एक जैसे ही हैं. चाहे फ्लू हो या कोरोना इन बीमारियों की आड़ में एक गंभीर बीमारी भी लोगों को संक्रमित कर रही है. यह बीमारी है लंग्‍स की टीबी यानि फेफड़ों की ट्यूबरक्‍यूलोसिस. इसका खुलासा हाल ही में प्रकाशित हुए आईसीएमआर के नेशनल टीबी प्रिवलेंस सर्वे इंडिया 2019-21 में हुआ है.

आईसीएमआर के सर्वे के अनुसार जिन लोगों में टीबी के लक्षण थे, उन मरीजों ने इन लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया. जिसकी वजह से टीबी का संक्रमण बढ़कर बीमारी में बदल गया. कोरोना और फ्लू की आड़ में फेफड़ों की टीबी की बीमारी बढ़ गई है. ऐसा इन सभी बीमाारियों के लगभग एक जैसे लक्षणों के चलते हुआ है.कोरोना वायरस सहित इन्‍फ्लूएंजा फ्लू के लक्षणों में देखा गया है कि कोरोना या फ्लू ठीक होने के बाद भी मरीजों में खांसी कई हफ्तों तक मौजूद रहती है. वहीं थकान भी रहती है.

पल्‍मोनरी टीबी के लक्षणों को देखें तो उसमें भी दो हफ्तों से ज्‍यादा खांसी होती है. ऐसे में लोग खांसी को कोविड या फ्लू की वजह से हुई परेशानी समझकर नजरअंदाज करते रहते हैं. जब‍कि इस स्थिति में टीबी का संक्रमण होने पर यह बीमारी बढ़ती जाती है. टीबी में हल्‍का बुखार भी रहता है जो थकान या हरारत जैसा लगता है, जिसे लोग कोरोना या फ्लू का साइड इफैक्‍ट समझ लेते हैं. इसलिए लोगों को बहुत ध्‍यान देने की जरूरत है कि जब भी बलगम वाली खांसी दो हफ्ते से ज्‍यादा हो तो बिना देर किए टीबी की जांच जरूर कराएं. जांच कराने का कोई नुकसान नहीं है ले‍किन फायदा जरूर है कि समय से पहले बीमारी पता चलने पर उसका बेहतर इलाज संभव है.

Serious illness of TB