SDM ने 10 साल में बनाई आय से 150 गुना संपत्ति.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में जैसे जैसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कारवाई हो रही है, भ्रष्टाचार का उतना ही बड़ा चेहरा सामने आ रहा है. विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) द्वारा ने गुरुवार को कैमूर जिला के  मोहनिया  एसडीएम सत्येंद्र प्रसाद के तीन ठिकानों पर हुई छापेमारी में  डेढ़ करोड़ के मकान, 25 लाख रुपये ,बैंक और एलआइसी में 25 लाख के निवेश का खुलासा हुआ है.सत्येंद्र प्रसाद के ठिकाने से 15 लाख रुपये मूल्य के सोने-चांदी के जेवरात और कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट भी बरामद किए गए हैं. अब तक की कार्रवाई में एसडीएम की वैध कमाई से डेढ़ सौ गुणा ज्यादा अवैध संपत्ति अर्जन के प्रमाण मिले हैं.

 

एसवीयू ने सत्येंद्र प्रसाद के विरुद्ध गैरकानूनी और नाजायज तरीके से 84.25 लाख रुपये की संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज कर कोर्ट से छापा मारने की अनुमति मांगी थी. कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद पटना, मोहनिया और बेतिया में इनके ठिकानों पर एक साथ धावा बोला गया.पटना में जयप्रकाश नगर स्थित प्रभु पैलेस में छापेमारी की कार्रवाई की गई. एसवीयू के अनुसार सत्येंद्र प्रसाद का पटना में प्रभु पैलेस में एक फ्लैट है. इसके अलावा दो अन्य पूर्ण रूप से सुसज्जित फ्लैट हैं. इनकी अनुमानित लागत करीब डेढ़ करोड़ रुपये है.

 

सत्येंद्र ने अपनी पत्नी के नाम से कई बैंक में खाते खोल रखे हैं. एलआइसी और एचडीएफसी बैंक में इन्होंने 25 लाख रुपये का निवेश किया है. पत्नी का सिकंदराबाद में भी बैंक खाता और संपत्ति होने के प्रमाण मिले हैं. एसवीयू इसकी भी जांच कराएगी.मोहनियां अनुमंडल के एसडीएम पद पर दूसरी बार दाग लगा है. इसके पूर्व यहां के एसडीएम रहे जितेंद्र गुप्ता के यहां निगरानी विभाग की टीम ने छापेमारी की थी. इस बार की छापेमारी में विजिलेंस को नोट गिनने की मशीन मंगानी पड़ी.

 

विजिलेंस ने सत्येंद्र प्रसाद के निजी मोबाइल  कंप्यूटर, लैपटॉप, आईपैड  जब्त किया है. विशेष निगरानी ने दावा किया कि प्राथमिकी में दर्ज राशि से करीब 150 प्रतिशत धनार्जन का मामला बनता है.सत्येंद्र प्रसाद विशेष निगरानी इकाई ने सत्येंद्र प्रसाद के सरकारी ठिकाने से एक अत्याधुनिक पिस्टल भी बरामद की है। जिसकी कीमत करीब तीन लाख रुपये हैं. एसडीएम सत्येंद्र महज 10 साल पहले शासकीय सेवा में आए हैं. आरोप है कि विभिन्न पदों पर रहते हुए यह संपत्ति अर्जित की है.सत्येंद्र प्रसाद ने 2019-20 में एक मुश्त 15 लाख रुपये देकर पुत्री के नाम पर एलआइसी पॉलिसी ली थी. छापामारी के दौरान इनके ठिकाने से 15 लाख रुपये मूल्य के सोने-चांदी के जेवरात भी बरामद किए गए हैं. बिहार के अलावा अन्य प्रदेश में भी इनकी संपत्ति होने की एसवीयू ने संभावना जताई है.

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