पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार और दयाशंकर का निलंबन बढ़ा.

भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे

सिटी पोस्ट लाइव : डीजीपी को पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पर डीजीपी को फोन करवाने के आरोपी 2011 बैच के आइपीएस अधिकारी आदित्य कुमार और भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे पूर्णिया के पूर्व एसएसपी दयाशंकर की निलंबन अवधि फिर बढ़ा दी गई है.दोनों आइपीएस अफसरों की निलंबन अवधि इसी माह 15 अप्रैल को समाप्त हो रही थी जिसे वापस 180 दिनों के लिए बढ़ाकर 12 अक्टूबर कर दिया गया है.इसको लेकर गृह विभाग ने संकल्प जारी कर दिया है.

2014 बैच के आइपीएस अधिकारी दयाशंकर के विरुद्ध विशेष निगरानी इकाई की टीम आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच कर रही है. 2011 बैच के आइपीएस अधिकारी आदित्य कुमार पर डीजीपी को फर्जी काल कराने का आरोप है. उनके विरुद्ध लगे आरोपों की जांच आर्थिक अपराध इकाई की टीम कर रही है.इस मामले में लंबे समय से वह फरार हैं. निलंबन समीक्षा समिति की बैठक में यह पाया गया कि निलंबन हटाए जाने से अफसरों के द्वारा साक्ष्यों से छेड़छाड़ किए जाने और जांच प्रक्रिया को प्रभावित किए जाने की संभावना है, इसलिए निलंबन अवधि बढ़ाई गई है.

भ्रष्टाचार के आरोपों में निलंबित मुंगेर के पूर्व डीआइजी मो. शफीउल हक को गृह विभाग ने निलंबन मुक्त कर दिया गया है.शफीउल हक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. उन्होंने अपने आवेदन में बताया कि तनाव व शर्मिंदगी के कारण वे गलते चल गए और गंभीर बीमारी के शिकार हो गए.निलंबन अवधि में बिल निकालने में भी दिक्कत हो रही है. इसके बाद निलंबन समीक्षा समिति ने शफीउल हक को निलंबन मुक्त करने की अनुशंसा कर दी.

उन्हें पुलिस मुख्यालय में पदस्थापन की प्रतीक्षा में योगदान करने का निर्देश दिया गया है. शफीउल हक को दारोगा व अन्य निजी व्यक्ति के माध्यम से मुंगेर के कनीय पुलिस पदाधिकारियों से अवैध राशि उगाही करने के आरोप में निलंबित किया गया था. वह एक दिसंबर, 2021 से ही निलंबित थे।गृह विभाग ने डीएसपी अरशद जमां के पेंशन से दस वर्षों तक 90 प्रतिशत अंश की कटौती करने का दंड दिया है.इसके अलावा डीएसपी सोमेश कुमार को निलंबन से मुक्त करते हुए पांच वेतन वृद्धि पर रोक का दंड दिया गया है. निंदन का दंड भी आरोप वर्ष से प्रभावित किया गया है. गृह विभाग ने इससे जुड़ा आदेश जारी कर दिया है.

IPS ADITY KUMAR