MLC चुनाव: 5 में से 3 पर BJP का पलड़ा भारी.

विधान परिषद् में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है बीजेपी, कोशी में नीतीश का कायम है जलवा.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधान परिषद के स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों की 5 सीट के वोटिंग का नतीजा आज आनेवाला है.इस चुनाव में 48 उम्मीदवार हैं. कुछ बड़ी पार्टियों से समर्थित हैं तो कुछ निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं.इन 5 में से 3 परिणाम शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और 2 स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए आने हैं. राजनीतिक दलों में सीधी टक्कर महागठबंधन और भाजपा के बीच में है.

सारण स्नातक क्षेत्र से भाजपा के महाचंद्र सिंह और जदयू के वीरेंद्र यादव आमने-सामने हैं. सारण शिक्षक विधान परिषद उपचुनाव में भाजपा के डॉ धर्मेंद्र सिंह का सामना सीपीआई के स्व. केदार पांडे के पुत्र पुष्कर आनंद से है।गया स्नातक क्षेत्र से भाजपा के अवधेश नारायण सिंह के खिलाफ राजद से जगदानंद सिंह के बेटे पुनीत कुमार सिंह हैं. गया शिक्षक क्षेत्र से जदयू के पुराने उम्मीदवार संजीव श्याम सिंह का मुकाबला भाजपा के जीवन कुमार से है।इनके अलावा कोसी शिक्षक क्षेत्र से भाजपा के रंजन कुमार का सीधा मुकाबला जदयू के संजीव कुमार सिंह से है.

बिहार विधान परिषद में सदस्यों की संख्या 75 है. इसमें 4 सदस्यों का कार्यकाल 8 मई को समाप्त हो रहा है, जबकि एक सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है. यह सीट सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से सीपीआई के केदारनाथ पांडेय के निधन के बाद से खाली है.आठ मई 2023 को जिन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होगा, उनमें गया स्नातक क्षेत्र से अवधेश नारायण सिंह, सारण स्नातक क्षेत्र से वीरेंद्र नारायण यादव, कोसी निर्वाचन क्षेत्र से संजीव कुमार सिंह और गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से संजीव श्याम सिंह शामिल हैं.

गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के जीवन कुमार पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने जदयू के संजीव श्याम सिंह को कड़ी टक्कर दी है. कहा जा सकता है कि मुकाबला बराबरी का है. जीत-हार का अंतर बहुत कम होने वाला है.गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र- यहां विधान परिषद के पूर्व सभापति अवधेश नारायण सिंह का मुकाबला राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे पुनीत कुमार सिंह से है. अवधेश नारायण सिंह भाजपा से कई बार MLC रह चुके हैं, वहीं पुनीत पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. उनके पिता और विधायक भाई सुधाकर सिंह की उपस्थिति उन्हें मजबूत बनाती है. सुधाकर सिंह ने अपने भाई के लिए जमकर कैंपेन भी किया था.

लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा के दिग्गज नेता अवधेश नारायण सिंह का पलड़ा भारी दिख रहा है. उन्होंने स्नातक वोटरों को अच्छे से मैनेज किया है. पार्टी का भी उनको भरपूर साथ मिला है.कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र- जदयू प्रत्याशी संजीव कुमार सिंह खुद चार बार से एमएलसी हैं. इससे पहले उनके पिता शारदा प्रसाद सिंह एमएलसी थे. भाजपा के रंजन कुमार पहली बार उनको टक्कर दे रहे हैं.इस निर्वाचन क्षेत्र का विस्तार पूर्णिया, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, बांका, भागलपुर, कटिहार, अररिया और किशनगंज जिलों तक है. यहां जदयू और भाजपा ने अपना दमखम लगाया है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कामों का फायदा संजीव सिंह को मिलता दिख रहा है. कोसी के इस क्षेत्र में जदयू प्रत्याशी की मजबूत स्थिति दिख रही है.

सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र- पहले कांग्रेस, फिर जदयू और अब भाजपा में शामिल वरिष्ठ नेता महाचंद्र प्रसाद सिंह इस क्षेत्र से 6 बार MLC रह चुके हैं. पिछली बार उन्हें जदयू के वीरेंद्र यादव ने चुनाव हराया था. इस बार भी मुकाबला दोनों के बीच ही है.स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार महाचंद्र प्रसाद की स्थिति को मजबूत है.

सारण शिक्षक निर्वाचन उपचुनाव- सीपीआई के शिक्षक नेता केदारनाथ पांडेय यहां से 6 बार से एमएलसी रहे थे. उनके निधन के बाद पार्टी ने उनके बेटे पुष्कर आनंद को अपना उम्मीदवार बनाया है. माना जाता है कि इलाके में केदारनाथ पांडेय का काफी प्रभाव है. वो विधान परिषद में शिक्षकों के मसलों को मजबूती से उठाते थे. यही वजह है कि वो निर्विरोध जीतते आए थे.न्हीं वजहों से सीपीआई ने रिस्क ना लेते हुए उनके बेटे पुष्कर आनंद को चुनाव में उतारा है. भाजपा ने पुष्कर आनंद के विरोध में डॉ धर्मेंद्र को उतारा है. डॉ धर्मेंद्र का यह पहला चुनाव है लेकिन, केदारनाथ पांडेय के प्रभाव को देखते पुष्कर आनंद का पलड़ा भारी है.

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