एक दर्जन से ज्यादा IAS-IPS लड़ेगें लोक सभा चुनाव.

सिटी पोस्ट लाइव : साल 2024 का  लोकसभा चुनाव बहुत दिलचस्प होनेवाला है. इस चुनाव में एक दर्जन से ज्यादा IAS-IPS अधिकारी चुनाव मैदान में नजर आयेगें. वैसे पहले भी एक दो IAS-IPS अधिकारी चुनाव लड़ते रहे हैं.हारते-जीतते भी रहे हैं.लेकिन प्रशांत किशोर ने अपने संगठन में IAS-IPS को ज्यादा तरजीह देकर सभी दलों में उनका क्रेज बढ़ा दिया है. प्रशांत किशोर (पीके) के संगठन जनसुराज में 8 पूर्व IPS रविवार को शामिल हो चुके हैं. राजनीतिक पार्टियों और संगठनों में रिटायर्ड IAS और IPS अफसरों की मांग बढ़ गई है.

 

अजय दिवेदी पश्चिम चंपारण के रहने वाले हैं. बिहार सरकार में कैबिनेट विभाग के विशेष सचिव के पद से रिटायर हुए हैं.ललन यादव- नवादा और कटिहार के डीएम रह चुके हैं. पूर्णिया में आयुक्त रह चुके हैं. मुंगेर के रहने वाले हैं.तुलसी हजार-पूर्वी चंपारण के रिटायर आईएस हैं. बेतिया के प्रशासक रह चुके हैं.सुरेश शर्मा-स्वास्थ्य विभाग के रिटायर सचिव हैं. गोपालगंज के रहने वाले हैं.गोपाल नारायण सिंह- ग्रामीण कार्य विभाग से रिटायर हैं. औरंगाबाद के रहने वाले हैं.जितेंद्र मिश्रा समस्तीपुर के डीआईजी से रिटायर हुए हैं और अशोक सिंह आईजी के पद से रिटायर्ड हुए हैं.

इधर, आरजेडी भी एक पूर्व IPS को शामिल करने जा रही है. पूर्व IPS करुणा सागर रविवार को पार्टी में शामिल होंगे. वह तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी हैं. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कराएंगे. आरजेडी इस बात से निश्चिंत है कि यादव और मुसलमान वोट बैंक तो कोई बिगाड़ नहीं सकता है. अब अन्य जातियों के वोट को मजबूत किया जाए.सवर्ण वोटर्स का झुकाव बीजेपी की तरफ रहा है, लेकिन तेजस्वी बीजेपी के इस वर्चस्व को तोड़ना चाहते हैं. यही वजह है कि तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार ने नियम में बदलाव कर पूर्व सांसद आनंद मोहन को रिहा करवाया. आनंद मोहन दलित डीएम जी कृष्णैया की हत्या में संलिप्त रहने के दोषी हैं.

 

करुणा सागर मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. तमिलनाडु में अपनी तेज-तर्रार छवि की वजह से वे लोकप्रिय रहे. कई वर्षों तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे और विभिन्न एजेंसियों में अपनी सेवा दे चुके हैं. जानकारी है कि जहानाबाद से उनको लोकसभा का टिकट मिल सकता है. अभी जहानाबाद से जेडीयू के चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी सांसद हैं.बिहार में पहले भी पूर्व IAS और पूर्व IPS राजनीति में आते रहे हैं. जनसुराज 2024- 2025 के चुनाव के पहले अपने संगठन में उन्हें शामिल करने में जुट गया है. प्रशांत किशोर के पास चुनाव का बड़ा अनुभव है. वह नरेंद्र मोदी से लेकर नीतीश कुमार जैसे धाकड़ नेताओं के सलाहकार रह चुके हैं. वह पूर्व IAS और पूर्व IPS की सलाह पर जनसुराज को आगे ले जाने की योजना बना रहे हैं.

 

बिहार में पूर्व IAS और पूर्व IPS की राजनीति इतिहास को देखें तो देश की पहली महिला लोकसभा स्पीकर रहीं मीरा कुमार भारती विदेश सेवा की अधिकारी थीं. पूर्व IPS सुनील कुमार मद्य निषेध मंत्री हैं. आरसीपी सिंह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्र में मंत्री रहे. आरके सिंह आरा से बीजेपी के सांसद हैं. इनके अलावा गुप्तेश्वर पांडेय, मुनिलाल, गोरेलाल यादव, डीपी ओझा, सुधार कुमार, सर्वेश कुमार, अरुण कुमार, केपी रमैया जैसे कई नाम हैं, जिन्होंने राजनीति की राह पकड़ी.यशवंत सिन्हा के बारे में तो बहुत प्रचलित वाक्या है. बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री महामाया प्रसाद सिन्हा ने सार्वजनिक रूप से यशवंत सिन्हा को अपमानित किया तो यशवंत सिन्हा को गुस्सा आ गया. उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा- ‘आप कभी IAS अधिकारी नहीं बन सकते, लेकिन मैं मंत्री बन सकता हूं.’ इसके बाद यशवंत सिन्हा का ट्रांसफर कर दिया गया था, लेकिन बाद में यशवंत की बात सच निकली. यशवंत सिन्हा देश के वित्त मंत्री बने.

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