पटना हाईकोर्ट ने जातिगत जनगणना पर लगाई अंतरिम रोक.

सिटी पोस्ट लाइव : पटना हाईकोर्ट से एक बड़ी खबर सामने आई है. पटना पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना पर लगाई अंतरिम रोक लगा दी है. इसे बिहार सरकार को तगड़ा झटका लगा है. बिहार में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण मामले पर पटना उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है. मुख्य न्यायाधीश वी चन्द्रन की खंडपीठ ने अपना अंतरिम फैसला सुनाते हुये तत्काल प्रभाव से जातीय जनगणना पर रोक लगा दी है.

पटना हाईकोर्ट की तरह ही सुप्रीम कोर्ट में भी जातीय जनगणना को रोकने के लिए जनहित याचिका दायर हो चुकी है.अब देखना ये है कि आगे कोर्ट क्या फैसला लेता है.क्या हमेशा के लिए जातीय जनगणना पर रोक लग जायेगी या फिर कोर्ट अपना फैसला बदलेगा ?गौरतलब है कि बीजेपी जातीय जनगणना का विरोध कर रही है.बीजेपी का कहना है कि इससे जातीय उन्माद बढेगा और उससे कोई फायदा किसी को नहीं होनेवाला.

बिहार में हो रही जातीय गणना पर गुरुवार को पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. चीफ जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने आदेश दिया है कि गणना तत्काल रोकी जाए. इससे पहले हाईकोर्ट में मामले को लेकर 2 दिन सुनवाई हुई थी. इसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.हाईकोर्ट ने कहा कि अब तक जो डेटा कलेक्ट हुआ है, उसे नष्ट नहीं किया जाए. मामले पर अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जाति आधारित गणना सर्वसम्मति से कराई जा रही है. हम लोगों ने केंद्र से इसकी अनुमति ली है. हम पहले चाहते थे कि पूरे देश में जाति आधारित जनगणना हो, लेकिन जब केंद्र सरकार नहीं मानी तो हम लोगों ने जाति आधारित गणना सह आर्थिक सर्वे कराने का फैसला लिया.

गौरतलब है कि पहले ही हाकोर्ट ने जातीय जनगणना कराये जाने को लेकर राज्य सरकार को नीतिके जारी किया था.कोर्ट ने पूछा था कि सरकार ये बताये कि जातीय जनगणना क्यों जरुरी है.राज्य सरकार के इस जबाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ कि उसने केंद्र सरकार से जातीय जनगणना कराने की मांग की थी लेकिन जब उसने नहीं किया तब ये फैसला राज्य सरकार को लेना पड़ा.

पटना हाईकोर्ट की तरह ही सुप्रीम कोर्ट में भी जातीय जनगणना को रोकने के लिए जनहित याचिका दायर हो चुकी है.अब देखना ये है कि आगे कोर्ट क्या फैसला लेता है.क्या हमेशा के लिए जातीय जनगणना पर रोक लग जायेगी या फिर कोर्ट अपना फैसला बदलेगा ?गौरतलब है कि बीजेपी जातीय जनगणना का विरोध कर रही है.बीजेपी का कहना है कि इससे जातीय उन्माद बढेगा और उससे कोई फायदा किसी को नहीं होनेवाला.

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